शोध के क्षेत्र में Fellowship राशि में सरकार कर सकती है बड़ा इजाफा
नई दिल्ली। चुनाव से पहले सरकार देश भर के शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों से जुड़े शोधार्थियों को एक बड़ा तोहफा दे सकती है। इसके तहत उन्हें मिलने वाली फेलोशिप की राशि में भारी इजाफा किया जा सकता है। संभवत यह बढ़ोतरी पचास फीसद से ज्यादा की होगी। मौजूदा समय में देश भर के इन संस्थानों में शोध के क्षेत्र में करीब दो लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। फिलहाल इन सभी फेलोशिप में बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलित हैं। ऐसे में सरकार इनमें बढ़ोतरी कर उनकी एक बड़ी मांग को पूरा कर सकती है।
शोध से जुड़े इन छात्रों ने पिछले दिनों फेलोशिप में बढ़ोतरी की मांग को लेकर एकजुट होकर दिल्ली में भी बड़ा प्रदर्शन किया था। खास बात यह है कि शोध छात्रों की फेलोशिप में बढ़ोतरी की इस मांग पर यूजीसी भी सहमत है। पिछले हफ्ते ही वह बढ़ोतरी को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी राय दे चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार के स्तर पर इसे लेकर कभी भी फैसला लिया जा सकता है। हालांकि यह बढ़ोतरी कितनी होगी, यह कहना अभी मुश्किल है। लेकिन जो संकेत मिल रहे है, उसके तहत यह बढ़ोतरी पचास फीसद से ज्यादा की ही होगी।
सूत्रों की मानें तो इस संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी राय मांगी गई है। इधर, शोध से जुड़े छात्र फेलोशिप में 80 फीसद तक बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए शोध की लागत भी बढ़ गई है। खासकर में बड़े शहरों में रहकर शोध करना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
2014 में हुई थी बढ़ोतरी: मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक शोधार्थियों की फेलोशिप में इससे पहले बढ़ोतरी 2014 में की गई थी। उस समय यह बढ़ोतरी करीब 56 फीसद की गई है। इसके बाद से हर महीने फेलोशिप 25 से 28 हजार रुपये मिलने लगी थी। हालांकि इससे पहले तक इन छात्रों को हर महीने बतौर फेलोशिप सिर्फ 16 से 18 हजार रुपये मिलते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से पहले फेलोशिप में 2010, 2007 और 2006 में बढ़ोतरी की गई थी।
इन संस्थानों के छात्र कर रहे हैं आंदोलन: फेलोशिप बढ़ाने की मांग की वैसे तो देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के शोध से जुड़े छात्र कर रहे हैं। लेकिन इनमें जो संस्थान सबसे अहम हैं, उनमें आइआइटी दिल्ली, मंडी, रुड़की, कानपुर, बांबे, पटना के अलावा अंबेडकर विवि लखनऊ, पंजाब विवि, नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु, सीएसआइआर सहित देश के सभी प्रमुख और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के छात्र भी शामिल हैं।