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अब प्राइवेट स्‍कूल-कॉलेजों में भी मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ



नई दिल्ली। आर्थिक आधार पर आरक्षण के बाद मोदी सरकार ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है। इसके तहत निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में भी अब आरक्षण लागू होगा। इसका लाभ आरक्षण के दायरे में आने वाले एससी-एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े सभी वर्गो को मिलेगा। अभी तक यह आरक्षण सिर्फ सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में ही लागू था।

यह इसलिए भी अहम फैसला है क्योंकि छात्रों के लिए न सिर्फ बड़ा द्वार खुलेगा बल्कि भविष्य में नौकरियों को लेकर भी अवसर बढ़ने की संभावना बन सकती है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर आदेश जारी कर दिया जाएगा। हालांकि यह संशय का विषय है कि केवल आदेश भर से निजी संस्थान आरक्षण देने के लिए तैयार होंगे?

केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने की घोषणा, एक सप्ताह के अंदर जारी होगा आदेश
बहरहाल यह घोषणा राजनीतिक रूप से भी अहम है। सरकार की ओर से पहले ही संकेत दिया गया था कि आने वाले वक्त में कई राजनीतिक सिक्सर लगाए जाएंगे। यह भी उसी की हिस्सा माना जा सकता है।

जावडेकर ने बताया कि सामान्य वर्ग को दिए गए दस फीसद आरक्षण का लाभ उन्हें 2019-20 के शैक्षणिक सत्र से मिलने लगेगा। इसके लिए सभी संस्थानों में सीटों की संख्या बढ़ाए जाने का भी फैसला लिया है। इसके तहत यदि अभी तक किसी संस्थान में सौ सीटें थी, तो अब वहां बढ़कर 125 सीेटें हो जाएगी। संस्थानों को इस बढ़ोत्तरी के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सीटों में बढ़ोत्तरी का यह फैसला इसलिए किया गया है, ताकि दस फीसद आरक्षण लागू होने के बाद किसी भी वर्ग को पहले से मिल रही सीटों पर कोई असर न पड़े।

उन्होंने बताया कि सरकारी संस्थानों के साथ निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने का यह फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद लिया है। इस संबंध में जल्द ही आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे। साथ ही संसद को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि सामान्य वर्ग को दिए गए दस फीसद आरक्षण को लेकर जल्द ही देश के सभी विवि और कालेजों को निर्देश जारी किया जाएगा। साथ ही उन्हें अपने प्रास्टपेक्ट्स में भी इसकी जानकारी देने भी कहा जाएगा। गौरतलब है कि देश भर में मौजूदा समय में करीब नौ सौ विश्वविद्यालय और करीब चालीस हजार कालेज मौजूद है।

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