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स्कूलों की व्यवस्थाएँ बेहतर बनाने 19 लाख पालकों ने लिया शाला प्रबंधन का प्रशिक्षण


 

प्रदेश के शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों की शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों का एक दिवसीय प्रदेशव्यापी प्रशिक्षण आज सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण में लगभग एक लाख 12 हज़ार से अधिक स्कूलों के 19 लाख सदस्य शामिल हुए।

शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के बेहतर प्रबंधन एवं शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए शाला प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है। समितियों में शाला में अध्ययनरत् बच्चों के पालक, शिक्षक तथा स्थानीय जन-प्रतिनिधि शामिल हैं। स्कूलों के स्थानीय प्रबंधन का अधिकार इन समितियों को सौंपा गया है।

प्रशिक्षण के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने यूनीसेफ के सहयोग से प्रशिक्षण सामग्री का निर्माण किया। राज्य-स्तर पर सभी जिलों के सहायक परियोजना समन्वयक (मोबिलाईजेशन) तथा ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के प्राचार्यो का उन्मुखीकरण किया गया। सभी ज़िलों में डाइट स्तर पर 6 हजार से अधिक जन-शिक्षकों को ज़िला प्रशिक्षक के रुप में प्रशिक्षित किया गया, जिनके द्वारा सभी शालाओं के प्रधान/प्रभारी शिक्षकों का मास्टर ट्रेनर के रुप में उन्मुखीकरण किया गया। सभी मास्टर ट्रेनर्स ने विद्यालय स्तर पर शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान किया।

प्रशिक्षण के दौरान शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों को स्कूल के विकास एवं बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने में उनके कार्य एवं अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण को रोचक बनाये रखने की दृष्टि से इस वर्ष विभिन्न सत्रों में यूनिसेफ द्वारा निर्मित समविषयक फिल्मों का प्रदर्शन भी किया।

संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र, श्रीमती आईरीन सिंथिया जे.पी. ने शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों से आग्रह किया है कि, बच्चों को नियमित शाला भेजें। उनकी उपस्थिति तथा पढ़ाई के प्रति सजग रहें। प्रबंधन समितियों के सदस्य अपना दायित्व निभायें और शाला विकास में अपना योगदान प्रदान करें।

 

आशीष शर्मा

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