अदृश्य दीवार करेंगी सरहद पर देश की सुरक्षा
देश की सरहदों पर अब लेजर की अदृश्य दीवार खड़ी होगी। घुसपैठ पर प्रभावी रोक लगाने में सक्षम यह डिफेंस सिस्टम हमारे वैज्ञानिकों ने तैयार कर दिखाया है। जालंधर, पंजाब में चल रही 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान इसका प्रदर्शन किया गया।
सेना इसका सफल परीक्षण कर चुकी है। लेजर किरणों का यह सघन जाल न केवल हवा बल्कि जमीन के नीचे और पानी की गहराई में भी अदृश्य दीवार बनाए रखेगा। यानी घुसपैठ कहीं से भी नहीं हो सकेगी। न तो सतह से, न सुरंग से और न ही पानी से। इन अदृश्य किरणों को किसी भी युक्ति से नहीं देखा जा सकता है। लिहाजा, घुसपैठिये के इनसे संपर्क में आते ही सुरक्षा तंत्र को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
सेना के तीन किलोमीटर दूर बने कंट्रोल रूम में बैठे सैन्य अधिकारी घुसपैठ का लाइव (रियल टाइम) वीडियो देख सकेंगे और आगे की कार्रवाई को सुनिश्चित कर सकेंगे। यह तकनीक लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (लास्टेक) दिल्ली के वैज्ञानिकों ने विकसित की है।
जम्मू-कश्मीर सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए आर्मी लगभग 60 जगहों पर इसका ट्रायल कर चुकी है। अब लास्टेक इस तकनीक को ट्रांसफर कर रहा है, ताकि बड़े पैमाने पर इसे विकसित कर आर्मी को दिया जा सके। आर्मी के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने भी इसकी मांग की है।
लास्टेक अफसरों ने बताया कि लेजर बीम की दीवार बनाने के लिए स्वदेशी उपकरण विकसित किया गया है। इससे निकलने वाली इंफ्रारेड लेजर किरणों से अदृश्य व अभेद्य दीवार बनती है। एक मशीन से लेजर की दीवार 100 मीटर से लेकर 500 मीटर तक लंबाई में बनाई जा सकती है।
मशीनें बढ़ाकर इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है। किरणों का यह संवेदनशीन जाल वाई-फाई संवेदी भी होगा। इससे तीन किलोमीटर दूरी तक बने कंट्रोल रूम को संदेश व तस्वीरें भेजी जा सकेंगी। लास्टेक के कोआर्डिनेटर वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि लेजर से बनी दीवार किसी भी प्रकार से नजर नहीं आ सकेगी। इसे फांदने की कोशिश करते ही तुरंत कंट्रोल रूम में हूटर बज जाएगा।
हूटर के साथ-साथ कंट्रोल रूम में आर्मी के पास घुसपैठ करने की लोकेशन और वहां का रियल टाइम वीडियो भी दिखने लगेगा। घुसपैठियों की संख्या और उनके पास मौजूद हथियार भी स्पष्ट दिखाई देंगे। इससे सैनिक तुरंत वहां पहुंचकर घुसपैठियों को ढेर कर सकेंगे। दो साल से वैज्ञानिक इस तकनीक को विकसित करने में लगे थे। जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर आर्मी को इससे बड़ा फायदा होगा। इस स्मार्ट दीवार का 2026 किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाएगा।