सिटीजनशिप संशोधन बिल को मिली कैबिनेट की मंजूरी, आज लोकसभा में हो सकता है पेश
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए सिटीजनशिप संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी।
इसका मसौदा दोबारा से तैयार किया गया है। कैबिनेट की मंजूरी से कुछ घंटे पहले ही विधेयक की जांच करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी।
यह विधेयक 2016 में पहली बार पेश किया गया था। भाजपा ने 2014 के चुनावों में इसका वादा किया था।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक को मंजूरी दी गई।
इसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में विधेयक का विरोध हो रहा है। जेपीसी रिपोर्ट को बहुमत से तैयार किया गया है।
विपक्षी सदस्यों ने धार्मिक आधार पर नागरिकता देने का विरोध किया था और कहा था कि यह संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं।
उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। विपक्षी पार्टियों के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट में असहमति जताई है।
दिलचस्प है कि भाजपा की सहयोगी, शिवसेना और जदयू ने भी संसद में विधेयक का विरोध करने की घोषणा की है।