क्रेडिट कार्ड होल्डर्स ध्यान दें, OTP के भरोसे न रहें, फ्रॉड से ऐसे बचें
जिन लोगों के पास क्रेडिट कार्ड हैं, वो यह मानते हैं कि ओटीपी के बगैर उनके साथ धोखाधड़ी नहीं हो सकती, लेकिन ऐसा नहीं है। क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पीड़ित तक ओटीपी पहुंचा ही नहीं। यदि आप भी इस स्थिति से बचना चाहते हैं तो इन बातों का जरूर ख्याल रखें -
कई बार क्रेडिट कार्ड की फोटोकॉपी मांगी जाती है। चाहे बैंककर्मी ही क्यों न हो, क्रेडिट कार्ड के दोनों तरफ की फोटोकॉपी कभी न दें। दरअसल, इससे आपका कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (सीवीवी) भी सामने वाले के पास चला जाता है, जो कार्ड के पीछे की ओर ही छपा होता है और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए जरूरी होता है। कोई भी इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है।
सुनिश्चित करें कि आपको बैंक से अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड का स्टेटमेंट वक्त पर मिलता है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो तुरंत बैंक से संपर्क करे। हो सकता है आपका स्टेटमेंट धोखेबाजों तक पहुंच रहा हो और वे कभी भी फ्रॉड को अंजाम दे सकते हैं।
इसी तरह, कई बार हम पुराने बैंक स्टेटमेंट, क्रेडिट कार्ड एप्लिकेशन, बिल फेंक देते हैं। ऐसे कागजों को फेंकने के बजाए जलाकर या किसी अन्य तरीके से नष्ट कर दें। नहीं तो आपकी व्यक्तिगत जानकारी गलत हाथों में जा सकती है।
ऐसे ई-मेल लिंक्स पर कतई क्लिक ना करें जिस पर आपके अकाउंट डिटेल्स मांगे गए हों। ये ठगों के फिशिंग मेल हो सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते वक्त अच्छी तरह से ये जांच-परख लें कि वेबसाइट सिक्यॉर है या फिर नहीं। अगर जरा भी संदेह होता है तो किसी एक्सपर्ट की मदद लें या वेबसाइट के बारे में इंटरनेट पर सर्च करें।