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नये साल में प्रधानमंत्री मोदी ने दिया खास इंटरव्‍यू, कही ये बात..



नए साल के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बिसात पर पहला दांव खेल दिया। विचारों से शून्य और मोदी विरोध के नाम पर बन रहे गठजोड़ पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगला चुनाव महागठबंधन और जनता के बीच होगी। एक एजेंसी को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने राम मंदिर निर्माण के अध्यादेश पर साफ कहा कि फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है।

राम मंदिर : संघ की मांग खारिज संघ परिवार और खास कर सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर राम मंदिर पर अध्यादेश की मांग को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अंतिम चरण में है। कांग्र्रेस से जुड़े वकील कोर्ट के भीतर अड़ंगा लगाने का काम कर रहे हैं। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी को अयोध्या मामले की अगली सुनवाई होगी।

अध्यादेश : तीन तलाक से तुलना खारिज मोदी ने तीन तलाक पर अध्यादेश से राम मंदिर से जुड़े अध्यादेश की तुलना को भी खारिज कर दिया। उनके अनुसार तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश लाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए अध्यादेश के जरिये कानून बनाना जरूरी हो गया था। जबकि राम मंदिर मामले में कोर्ट में सुनवाई अभी चल रही है।

विपक्ष : महागठबंधन क्यों विपक्ष के महागठबंधन की कोशिशों पर सवाल उठाते हुए पूछा आखिरकार यह क्यों बन रहा है? इनके पास देश के सामाजिक आर्थिक मुद्दों को लेकर कोई स्पष्ट विचार नहीं है। उनका एक मात्र निशाना मोदी है और सभी खुद को बचाने के लिए एक-दूसरे को सहारा दे रहे हैं। अगला चुनाव जनता बनाम महागठबंधन में होगा। जनता चुनाव की दिशा और उसका एजेंडा तय करने वाली है।

पांच राज्यों में हार झटका नहीं : पांच राज्यों में हार को भाजपा के लिए बड़ा झटका मानने से इनकार करते हुए कहा कि तेलंगाना और मिजोरम में भाजपा कहीं थी ही नहीं। वहीं मप्र, छग में 15 सालों की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे थे। इसीलिए पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से आत्मविश्वास गिरने का कोई कारण नहीं है। कम सीटों की अटकलें गलत आगामी लोस चुनाव में भाजपा को बहुमत से कम सीटें मिलने की अटकलों को खारिज करते हुए पीएम ने कहा कि 2014 के चुनाव के पहले भी मीडिया में इस तरह की खबरें छप रही थी। उस समय जो लोग ऐसा कह रहे थे, वहीं लोग इस समय भी कह रहे हैं।

आतंक : सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी आतंकवाद जारी रहने पर कहा कि एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है। इसके लिए लंबी रणनीति पर काम चल रहा है। लेकिन उन्होंने इस रणनीति को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। उनके अनुसार इसी रणनीति के तहत पाकिस्तान को पूरी दुनिया में अलग-थलग करने में सफलता मिली है। उरी हमले ने बेचैन कर दिया था

सर्जिकल स्ट्राइक: पीएम ने कहा कि किस तरह उरी हमले ने उनके साथ-साथ सेना को बेचैन कर दिया था। इसी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी तैयारी की गई। एक-एक पल की जानकारी वे खुद ले रहे थे और जवानों को किसी भी स्थिति में सुबह होने के पहले वापस लौटने का निर्देश दिया था। लेकिन सुबह होने के एक घंटे बाद तक का समय सबसे मुश्किल रहा, जब स्ट्राइक के लिए जवानों की कोई सूचना नहीं मिल रही थी। लगभग दो घंटे बाद पता चला कि वे सीमा के भीतर सुरक्षित स्थान तक पहुंच गए हैं। उनके वापस लौटने के बाद सुरक्षा से संबंधित कैबिनेट कमिटी की बैठक हुई और पाक को इसकी जानकारी दी गई।

उर्जित का इस्तीफा निजी कारणों से : मोदी ने कहा कि उर्जित पटेल व्यक्तिगत कारणों से छह-सात महीनों से इस्तीफे की पेशकश कर रहे थे। उन्होंने खुद ही यह पद छोड़ने का निर्णय किया। उन पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं था।

बोरों में बंद नोट बैंकों में आए : नोटबंदी को सही ठहराते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आने से पूर्व कालेधन के बारे में बार-बार चर्चा होती थी, लेकिन होता कुछ नहीं था। देश में कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही थी, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। समानान्तर अर्थव्यवस्था ने देश को खोखला कर दिया था। इसलिए सरकार ने नोटबंदी का कदम उठाया। इससे बोरों में बंद पड़े नोट बैंक में आए। ईमानदारी का माहौल बना, टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी। इसे सफलता कहेंगे या नहीं।

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