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मध्‍यप्रदेश में सीएम-मंत्री नहीं करेंगे घोषणाऐं, अधिकारी ही करेंगे योजनाओं की घोषणा


भोपाल। मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन होने के बाद काम काज के तरीकों में भी परिवर्तन दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदेश दिया है कि प्रदेश में कोई भी घोषणा मुख्यमंत्री और मंत्री नहीं करेंगे, बल्कि उस विभाग से जुड़ा अधिकारी ही करेगा जिसके अंतर्गत यह कार्य होना है । इसकी जिम्मदारी कार्य पूरा करने की होगी। ऐसा पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में किसी मंत्री ने नहीं बल्कि जिला कलक्टर ने मंच से विकास कार्य परियोजनाओं की घोषणाएं कीं हैं। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को यहां कहा कि संसद में दूसरे सांसद मतदाताओं का वोट लेकर आते हैं, जबकि मैं (कमलनाथ) सिर्फ वोट लेकर नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र के मतदाताओं का प्यार और विश्वास लेकर संसद में बैठता हूं। उन्होंने रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित किया। वह इस दौरान कई बार भाव-विह्वल हो गए। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा, "संसद में जब मैं बैठता हूं, तो दूसरे सांसदों की ओर देखता हूं कि वे लोगों के वोट लेकर आए हैं। मैं केवल वोट लेकर नहीं आता, बल्कि प्यार और विश्वास लेकर संसद में बैठता हूं।" अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ ने कहा कि वह आज जहां हैं, वहां तक पहुंचाने का छिंदवाड़ा के हर नागरिक को श्रेय जाता है। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि 40 साल पहले का छिंदवाड़ा कुछ और था, और आज का कुछ और है। छिंदवाड़ा की अपनी पहचान है। कमलनाथ ने बीते 38 सालों में छिंदवाड़ा में हुए विकास कार्यो का ब्यौरा दिया और कहा, "यहां के नौजवानों ने वह छिंदवाड़ा नहीं देखा, जहां एक भी रेल नहीं आती थी, पातालकोट में तीन घंटे पैदल चलने पर ही नीचे पहुंच पाते थे। वहां के निवासी पहले सिर्फ नमक लेने बाहर आते थे। उन्हें दुनिया से कोई मतलब नहीं था। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम की गुठली से आटा बनाते थे, महुआ के फूल की शराब पीते थे। उनके तन पर जरूरी कपड़े नहीं हुआ करते थे, मगर अब वे जीन्स पहनने लगे हैं। जीप आती थी तो उसे देखने भागते थे, अब जीप आने पर उन्हें धूल का डर सताता है। इतना बदलाव आ गया है यहां।" कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के युवाओं को प्रशिक्षित और हुनरमंद बनाने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, "छिंदवाड़ा में जितने स्किल सेंटर है, उतने दुनिया के किसी भी जिले में नहीं हैं।

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