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उज्जैन में हुआ दुर्लभ बीमारी ग्रेस्ट्रिक वालवुलस का सफल उपचार



एक लाख में एक या दो मरीजों को ही होती है यह बीमारी-बच्चेदानी के कैंसर से पीड़ित महिला को भी मिली पीड़ा से मुक्ति
उज्जैन। एक लाख लोगों में एक या दो मरीज को होने वाली दुर्लभ बीमारी ग्रेस्ट्रिक वालवुलस का सफल उपचार उज्जैन में ही डॉ. उमेश जेठवानी ने किया। वहीं बच्चेदानी के कैंसर से ग्रस्त 40 वर्षीय महिला का सफल ऑपरेशन भी उज्जैन में ही सफलता पूर्वक हुआ। दोनों मरीजों की गंभीर स्थिति देखते हुए इंदौर रैफर कर दिया गया था किंतु डॉ. जेठवानी ने उज्जैन में ही दोनों को गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिला दी। 
मरीज रूस्तम उम्र 60 वर्ष निवासी अंतरालिया पिछले एक सप्ताह से पेट दर्द व बुखार से पीड़ित था। मरीज की स्थिति गंभीर हो गई तो उसे इंदौर रैफर कर दिया गया। मरीज के परिजन उसे लेकर फ्रीगंज स्थित गुरूनानक अस्पताल पहुंचे तथा डॉ. उमेश जेठवानी को दिखाया। जांच में पाया गया कि मरीज स्ट्रेन्गुलेटेड ग्रेस्ट्रिक वालवुलस नामक बीमारी से पीड़ित है। मरीज का इमरजेंसी में ऑपरेशन किया गया तथा खाने की थैली के खराब हिस्से को निकालकर रिपेयर किया गया। मरीज अब स्वस्थ है। ग्रेस्ट्रिक वालवुलस एक दुर्लभ बीमारी है तथा एक लाख में 1 या 2 मरीजों को ही होती है। 
इसी प्रकार 40 वर्षीय महिला 6 महीने से पेट दर्द की शिकायत से परेशान थीं। काफी इलाज के बाद भी आराम नहीं पड़ा, जांच करवाने के बाद पता चला कि उसे बच्चेदानी में कैंसर की बीमारी है। डॉक्टरों ने उसे इंदौर में इलाज कराने की सलाह दी। मरीज के परिजन ने उसे डॉ. उमेश जेठवानी व डॉ. दिव्या जेठवानी को दिखाया। डॉ. जेठवानी ने मरीज का ऑपरेशन वरदाईम हिस्ट्रेक्टोमी पध्दति से कर कैंसर जैसी जटिल बीमारी से महिला को निजात दिलाई। पहले इस प्रकार के जटिल ऑपरेशन महानगरों के बड़े अस्पतालों में ही हो पाते थे परंतु अब इस प्रकार के ऑपरेशन उज्जैन में ही कम खर्च में संभव हो गए हैं। 

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