स्वास्थ्य विभाग के अमले को दी सख्त चेतावनी, जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न
गंभीरता के साथ काम कर अभियान के माध्यम से बच्चों को लगने वाले मीजल्स-रूबेला के टीके लगाये जायें
उज्जैन । कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैठक शुक्रवार 14 दिसम्बर को प्रात: 10.30 बजे सिंहस्थ मेला कार्यालय में आयोजित की गई। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अमले को सख्त चेतावनी देते हुए निर्देश दिये हैं कि बच्चों को लगने वाले मीजल्स-रूबेला के टीके लगाने के कार्य को गंभीरता से किया जाये। इस कार्य में किसी प्रकार की कोई कोताही न बरतें। टीमवर्क के साथ अभियान को सफल बनाकर कोई भी बच्चा 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चे टीका लगने से छूट न जाये। अभियान में घर-घर जाकर मीजल्स-रूबेला का टीका लगाया जाये। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार को निर्देश दिये हैं कि अभियान में कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के ड्यूटी आदेश जारी करने के पूर्व अनुमोदन प्राप्त कर ही जारी किया जाये। अभियान के दौरान स्कूलों एवं आंगनवाड़ी में भी बच्चों को टीका लगाया जायेगा।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये हैं कि ड्यूटी के दौरान कोई भी अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही बरतता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। शासकीय चिकित्सकों को भी हिदायत दी है कि वह अस्पतालों में अपनी ड्यूटी दें, निजी अस्पतालों में कोई भी चिकित्सक अपनी सेवाएं न दें। इस सम्बन्ध में कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये। अभियान को औपचारिकता में न लिया जाये, इसे गंभीरता से लेकर शासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि अभियान का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये।
सीएमएचओ डॉ.एमएल मालवीय ने बैठक के पूर्व जानकारी दी कि उज्जैन जिले में 2085 शासकीय, 998 प्रायवेट स्कूलों तथा 2104 आंगनवाड़ी केन्द्रों में लगभग 5 लाख 28 हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान 15 जनवरी से प्रारम्भ होगा। अभियान 5 सप्ताह चलाया जायेगा। इस दौरान जिले में शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा।
बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार ने भी अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अभियान में शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत, आयुष, आदिम जाति कल्याण, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि का सहयोग लेकर बच्चों को टीका लगाया जायेगा। वर्तमान में मीजल्स का पहला टीका 9 से 12 माह के बीच एवं दूसरा टीका 16 से 24 माह के बीच लगाया जा रहा है। इस अभियान के पश्चात मीजल्स रूबेला का टीका दिया जाना प्रारम्भ किया जायेगा। डॉ.परमार ने बताया कि मीजल्स रूबेला अभियान के प्रचार-प्रसार के लिये नारे लिखे जा रहे हैं। नारे इस प्रकार हैं- ‘दो बीमारियों को हरायेंगे, एमआर का टीका जरूर लगायेंगे’, ‘हम सबने यह ठाना है, मीजल्स रूबेला रोग मिटाना है’, ‘हम सबका बस एक ही सपना, मीजल्स रूबेला मुक्त हो प्रदेश’, हमारा एक ही संकल्प एमआर रोगमुक्त हो मुल्क’ आदि।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार ने बैठक में बताया कि मीजल्स एवं रूबेला बीमारी 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को होती है। खसरा एक बेहद संक्रामक रोग है। इससे प्रभावित व्यक्ति के खांसने एवं छींकने पर फैलता है। सामान्य तौर पर खसरे के लक्षण चेहरे एवं शरीर पर गुलाबी, लाल दाने या चकत्ते, अत्यधिक बुखार, खांसी, नाक का बहना एवं आंखों का लाल हो जाना है। इस बीमारी से कुपोषण, अंधापन एवं मृत्यु तक हो सकती है। डॉ.परमार ने बताया कि रूबेला बच्चों में यह रोग आमतौर पर हल्का होता है, जिसमें गले में खराश, कम डिग्री का बुखार, हल्की आंखें लाल होना, कान के पीछे एवं गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियां दिखने लगती हैं, संक्रमित वयस्क ज्यादातर महिलाओं के जोड़ों में पीड़ा होती है। यह वायरस लड़के एवं लड़कियां दोनों को संक्रमित कर सकता है। गर्भावस्था में रूबेला वायरस से संक्रमित स्त्री के गर्भ का विकास एवं नवजात शिशु का सही विकास न होने से जीवनभर के लिये विकलांग हो सकता है और गर्भपात, समय से पूर्व प्रसव, मृत शिशु का जन्म भी हो सकता है। इन दोनों बीमारियों की रोकथाम के लिये एमआर (मीजल्स रूबेला) टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा।
अभिभावकों से अपील
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने 9 माह से 15 वर्ष तक के समस्त बच्चों के अभिभावकों से अपील की है कि टीकाकरण हेतु चलाये जाने वाले अभियान के दौरान अपने बच्चों का टीकाकरण स्कूल, आंगनवाड़ी, अपने घर में अनिवार्य रूप से करायें। कलेक्टर ने अभिभावकों से कहा है कि वह अपने सगे-सम्बन्धी, आस-पड़ौस आदि को भी एमआर के टीके लगाये जाने की जानकारी दी जाये, जिससे जिले में शत-प्रतिशत बच्चों को एमआर वैक्सिन से टीकाकृत कर इस संक्रामक रोगों से बचाया जा सके।
बैठक में डब्ल्यूएचओ के मेडिकल सर्वेलेंस आफिसर डॉ.सुधीर सोनी ने भी मीजल्स रूबेला टीके के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 50 हजार बच्चों की मौत हो रही है। मीजल्स एक प्रकार का खसरा है। अभी तक यह अभियान देश के 22-23 राज्यों में पूरा किया जा चुका है। अब यह अभियान मध्य प्रदेश में चलाया जायेगा। डॉ.सोनी ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से मीजल्स रूबेला के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर सीएस डॉ.राजू निदारिया, डॉ.शोभा जैन, श्री अरिवन्द गुप्ता, डॉ.अवनिश गुप्ता, श्री रविप्रकाश लंगर, पुष्पा मिशन हॉस्पिटल आदि के चिकित्सक, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।