top header advertisement
Home - उज्जैन << सत्संग जीवन के अंतिम समय में भी बसंत ला देता है

सत्संग जीवन के अंतिम समय में भी बसंत ला देता है



श्री लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर रामानुजकोट में श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव में बोले स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज
उज्जैन। सत्कर्म, परोपकार, भलाई के काम करना, संयमपूर्वक व्यवहार करना ही जीवन की सार्थकता है। किसी में गुण अच्छे हैं तो उससे ईर्ष्या न करें और जिसमें कम गुण है उसे तुच्छ न समझते हुए उसके प्रति दया भाव रखे। सत्संग जीवन के अंतिम समय में भी बसंत ला देता है। 
उक्त बात श्री लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर रामानुजकोट में श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव में कथा व्यास एवं रामानुजकोट पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने कथा के चौथे दिन कही। डॉ. विनोद बैरागी के अनुसार जगद्गुरू श्यामनारायणाचार्य महाराज पीठाधीश्वर अयोध्या के सानिध्य में आयोजित भागवत कथा में स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने मंगलवार को यज्ञ, स्वाध्याय का महत्व बताते हुए आचार्य द्वारा उच्चारित मंत्र से शक्ति की सार्थकता को प्रतिपादित किया। अजामिल, दक्ष प्रजापति और महादेव की कथा सुनाई गई। ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि दो रानियां थी एक नीति पर तो दूसरी अनीति पर चलती थी। अनिती पर चलने वाली का नाम सुरूचि था सुरूचि अपने पुत्र को राजा बनाना चाहती थी इसलिए दूसरी रानी सुनीति के पुत्र को तिरस्कृत कर वनवास भिजवा दिया लेकिन सद्कर्मों पर चलने वाली सुनीति तथा उसके पुत्र के कर्मों से ईश्वर प्रसन्न हुए, राजा को पश्चाताप हुआ और सुनीति के पुत्र को राजा बनाया तथा सुरूचि के पुत्र को उसका सेवक बनना पड़ा। आरती में महंत मनोहरदासजी, गिरीश निंबार्क, हरिश निंबार्क, कृष्णमंगलसिंह कुलश्रेष्ठ, दामोदर शर्मा, अनिल दास, प्रदीप वैष्णव, प्रेमदास साधू मौजूद रहे। रामानुजकोट में प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक भागवत कथा एवं प्रसंगों के आयोजन हो रहे हैं इसी कड़ी में आज बुधवार को गजग्राह, वामनचरित्र, श्रीराम कृष्ण जन्मोत्सव, 13 को बाललीला, माखनचोरी, श्रीगोवर्धनलीला कथा, 14 को रासलीला, रूम्मणि विवाह कथा तथा 15 दिसंबर को सुदामा चरित्र के साथ कथा विश्राम होगा एवं हवन तथा प्रसादी का आयोजन होगा। स्व. बालारामदास, स्व. श्याणीबाई एवं स्व. लक्ष्मणदास बैरागी की पुण्यस्मृति में आयोजित भागवत कथा में धर्मलाभ लेने का अनुरोध बिंदुबाला बैरागी, डॉ. विनोद बैरागी, अनिता बैरागी, साकार बैरागी ने किया है। 

Leave a reply