कष्ट आए तो भगवान को दोष देना आपको ईश्वर से दूर करता है
श्री लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर रामानुजकोट में श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव में बोले स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज
उज्जैन। सद्कर्म करने के अनेक मार्ग है लेकिन भक्ति कर्म इनमें सर्वश्रेष्ठ होता है। ईश्वर का मनन करना, कथा श्रवण करना भी भक्ति का एक रूप है। सदैव कष्ट से भागना और जब कष्ट आए तो भगवान को दोष देना आपको ईश्वर से दूर करता है ईश्वर से तो यह कहो तुम कष्ट दोगे तो भी हम तुम्हारी शरण में है जैसे महाभारत युध्द में दुर्योधन ने सेना मांगी और अर्जुन ने भगवान कृष्ण का साथ। अर्जुन ने कष्ट में भी भगवान की शरण में रहना स्वीकारा और विजय पाई।
उक्त बात श्री लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर रामानुजकोट में श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव में कथा व्यास एवं रामानुजकोट पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने कथा के तीसरे दिन कही। डॉ. विनोद बैरागी के अनुसार जगद्गुरू श्यामनारायणाचार्य महाराज पीठाधीश्वर अयोध्या के सानिध्य में आयोजित भागवत कथा में स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने सोमवार को परीक्षित को द्वारका का राज मिलने की कथा सुनाई साथ ही विदुर कथा, वराह अवतार, धु्रव कथा, देवहुति और कपिल की कथा सुनाई तथा सृष्टि का निर्माण कैसे हुआ इस बारे में बताया। रामानुजकोट में प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक भागवत कथा एवं प्रसंगों के आयोजन हो रहे हैं इसी कड़ी में आज मंगलवार को जड़भरत, अजामिल, नृसिंह अवतार कथा सुनाई जाएगी। वहीं 12 को गजग्राह, वामनचरित्र, श्रीराम कृष्ण जन्मोत्सव, 13 को बाललीला, माखनचोरी, श्रीगोवर्धनलीला कथा, 14 को रासलीला, रूम्मणि विवाह कथा तथा 15 दिसंबर को सुदामा चरित्र के साथ कथा विश्राम होगा एवं हवन तथा प्रसादी का आयोजन होगा। स्व. बालारामदास, स्व. श्याणीबाई एवं स्व. लक्ष्मणदास बैरागी की पुण्यस्मृति में आयोजित भागवत कथा में धर्मलाभ लेने का अनुरोध बिंदुबाला बैरागी, डॉ. विनोद बैरागी, अनिता बैरागी, साकार बैरागी ने किया है।