प्रकरण दर्ज होने के 55 दिन बाद भी हत्या के प्रयास के आरोपी खुले आम घूम रहे
7 बार से ज्यादा अधिकारियों तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में शिकायत की-अवैध धंधों में लिप्त आरोपी राजीनामे के लिए बना रहे दबाव
उज्जैन। 17 अक्टूबर को कोट मोहल्ला निवासी असलम खान पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने धारा 307 में प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन घटना के 55 दिन बाद भी महाकाल थाना पुलिस मुख्य आरोपी सहित दो अन्य को गिरफ्तार नहीं कर सकी। जबकि अवैध धंधों में लिप्त तीनों आदतन आरोपी खुलेआम अवैध मांस का विक्रय तथा पावडरबाजी कर रहे हैं, उनकी दुकानें आज भी चालू हैं। घटना के बाद से 7 बार पुलिस अधिकारियों तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में आरोपियों के शहर में होने तथा उनके द्वारा डराने व दबाव बनाने की शिकायत कर चुके लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उक्त आरोप हमले में घायल असलम खान के भाई अकरम खान तथा मां ताजनूर बी ने आईजी, कलेक्टर, एसपी, सीएसपी सहित अन्य अधिकारियों को की गई लिखित शिकायत में लगाया है। अकरम खान के अनुसार 17 अक्टूबर 2018 को उसके भाई असलम पिता नबाब खां उम्र 30 साल निवासी कोट मोहल्ला पर मंजूर पिता भुरू भिस्ती निवासी बेगमबाग कॉलोनी, नौनु पिता काला निवासी शफी सेठ की मल्टी, इरफान मेढ़क निवासी शफी सेठ की मल्टी के पीछे, इरफान बम्बईया, राजा बम्बईया, हाजी मुस्तकिम पिता अजीज बम्बईया निवासी कोट मोहल्ला ने चाकूओं से गोद डाला था। मामले में महाकाल थाना पुलिस ने धारा 307, 294, 34 भादवि में प्रकरण दर्ज कर लिया था। प्रकरण दर्ज हो जाने के बाद से अब तक भी तीन आरोपी भाई हाजी मुस्तकिम बम्बईया, राजा बम्बईया, इरफान बम्बईया को महाकाल पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि तीनों के अवैध कारोबार पहले की तरह फल फूल रहे हैं जिसके कारण पीड़ित परिवार खौफ के साये में जी रहे हैं। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस किसी के दबाव में है जिसके कारण आरोपियों से सांठगांठ होने के कारण ही उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। जबकि आरोपियों के पावडरबाजी तथा अवैध मांस का विक्रय पहले की तरह यथावत चल रहा है इन पर भी पुलिस रोक नहीं लगा पाई है। वहीं आरोपी खुले आम परिजनों पर समझौता करने के लिए चाकू दिखाकर धमका रहे हैं और राजीनामा न करने की दशा में जान से मारने की धौंस दे रहे हैं।
4 ऑपरेशन हुए तब बची असलम की जान
अमरम खान ने बताया कि असलम को चाकूओं से गोद दिया गया था, उसे बचाने के लिए जिला अस्पताल में ले गये यहां से इंदौर रैफर कर दिया। शहर के ही निजी अस्पताल में उसका उपचार कराया, 4 बड़े ऑपरेशन हुए तब जाकर उसकी जिंदगी बची बावजूद पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने से बच रही है।
घटना के दूसरे दिन ही पकड़ा गया था आरोपी, पुलिस ने छोड़ दिया
अकरम खान ने बताया कि 17 अक्टूबर को घटना के दूसरे दिन 18 अक्टूबर को ही महाकाल थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी मुस्तकीम को हिरासत में ले लिया था लेकिन मिलीभगत के कारण पुलिस ने उसे छोड़ दिया। तब से लेकर अब तक वह फरार है और कई बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने उसे नहीं पकड़ रही है।