सोने की वेदीजी पर विराजे भगवान
आदिनाथ पारसनाथ भगवान के साथ साथ धरनेंद्र पद्मावती क्षेत्रपाल बाबा एवं सरस्वती माता जी को भी विराजित किया गया
कर्मों के अच्छे फल का उपयोग अच्छे कार्यों में लगाएं-प्रगल्भ सागर जी महाराज
उज्जैन। परम पूज्य आचार्य श्री १०८ पुष्पदंत सागर जी महाराज के परम शिष्य परम पूज्य मुनि श्री १०८ प्रगल्भ सागर जी महाराज उज्जैन शहर के श्री शांतिनाथ दि. जैन मंदिर जैन बिर्डिंग फ्रीजंग में विराजमान है। महाराज जी के सानिध्य में भगवान एवं धरनेंद्र पद्मावती क्षेत्रपाल बाबा व सरस्वती माता जी नई वेदी जी में विराजित हुए।
रविवार प्रातः 9 बजे वेदी शुद्धि, 9.30 बजे वेदी जी मे भगवान विराजमान पश्चात महाराज श्री के मंगल प्रवचन ओर प्रवचन के पश्चात हवन हुआ तत्पश्यात वात्सल्य भोज हुआ। महाराज श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि अपने अच्छे कर्मों के कारण जो अच्छा समय हमारे जीवन में आता है उस समय भी हमें अपना संपूर्ण ध्यान अच्छे कामों में लगाना चाहिए जिससे जन्मो जन्मो तक हमें पूर्ण लाभ मिलता रहेगा समाज के सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में जो वेदी प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ उसमें वेदी प्रतिष्ठा में मुख्य बात यह रही कि यहां पर जो वेदी जी बनाई गई है उसमें लगभग 2 माह से भी अधिक का समय लगा है और राजस्थान के कई कारीगरों ने आकर सोने का काम इन वैदियों में किया है। इसमें से बीच वाली वेदी जी का शुद्धीकरण होकर पुनः भगवान विराजित किए गए। 5 भगवान विराजित किए गए जिसमें से तीन शांतिनाथ भगवान एवं 2 पारसनाथ भगवान विराजित होंगे एवं वहीं धरनेंद्र पद्मावती क्षेत्रपाल बाबा एवं सरस्वती माता जी की भी वेदी जी में सोने का काम पूर्ण हो चुका है उन वेदिओ का भी शुद्धिकरण होकर वहां पर चारों प्रतिमाएं विराजित किए।