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लोक अदालत आयोजित हुई, समझौते में कई परिवार एक हुए


 

      उज्जैन । नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज 8 दिसम्बर को किया गया। लोक अदालत में कई प्रकरणों में समझौते हुए। दोपहर 2 बजे तक जिला स्तरीय 21 खंडपीठों में कुल 538 प्रकरणों में निर्णय किये गये। लोक अदालत में कई बिछड़े परिवारों को समझाईश के द्वारा मिलाया गया। लोक अदालत का उद्घाटन आज प्रात: विशेष न्यायाधीश श्री गजेन्द्रसिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ न्यायाधीशगण एवं अभिभाषक मौजूद थे।

      उल्लेखनीय है कि जिले में लोक अदालत के लिये कुल 39 खंडपीठ गठित की गई थी। लोक अदालत में कुटुंब न्यायालयों में विभिन्न प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण करते हुए कई बिछड़े परिवारों को एक किया गया। थाना नीलगंगा उज्जैन निवासी श्रीमती सोनू एवं उनके पुत्र नक्श परिवार में विघटन के कारण 2016 से पति से अलग रह रहे थे। कुटुंब न्यायालय में उनके द्वारा वाद प्रस्तुत किया गया। उभयपक्ष के मध्य प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री जीपी अग्रवाल द्वारा सुलह वार्ता करवाई गई। उभयपक्ष के मध्य राजीनामा के फलस्वरूप दिलीप और सोनू एक होकर खुशी-खुशी अपने पुत्र नक्श के साथ घर गये। इसी तरह भेरूनाला निवासी संदीप पिता बाबूलाल एवं बारां राजस्थान के ग्राम अंता की रानु के मध्य भी विवाह के बाद आपस में नहीं बनने के कारण परिवार में टूटन आ गई थी। दोनों की एक पुत्री भी है, जो कि अपनी मां के साथ निवास कर रही थी। सुलहकर्ता द्वारा आवेदक और अनावेदिका के मध्य सुलह वार्ता कराई गई। पति के विरूद्ध जितने भी प्रकरण पत्नी ने लगाये थे, वह उसने वापस ले लिये और परिवार एक हो गया। इसी तरह हीरा मील की चाल में रहने वाली अंजलि मेहरा व पति पंकज मेहरा के बीच भी हुई अनबन को कुटुंब न्यायालय में समाप्त कर सुलह वार्ता करवाई गई। अब पति-पत्नी दोनों सहर्ष साथ रहने को राजी हो गये हैं।              

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