सुल्तान ने पहले वोट डाला फिर की शादी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता का असर विधानसभा चुनाव-2018 में युवाओं में खासतौर से देखा गया। युवाओं में मतदान करने की इच्छा इतनी प्रबल थी कि विवाह के लिये तैयार मण्डप में जाने के पहले मतदान केन्द्र पहुँच गये। मतदान करने के बाद ही शादी के फेरे लिये।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिये मतदान केन्द्र पर उपलब्ध कराई गई विशेष सुविधाओं एवं बिना बारी के मतदान करने की व्यवस्था भी काफी कारगर साबित हुई। इसका असर आगर-मालवा शहर में कुछ इस तरह हुआ कि दिव्यांग दूल्हा सुल्तान छावनी मतदान केन्द्र पर ठीक बारात रवाना होने के पहले पहुँच गया।
दूल्हे के लिबास में सुल्तान गले में फूल-मालाएँ पहने सुल्तान जब मतदान केन्द्र पहुँचा, तो लोगो को सहज ही कौतुहल हुआ। मतदान करने की लाइन में लगे लोग उससे पूछने लगे कब शादी है, बारात कहाँ जा रही है। सुल्तान ने झटपट मतदान किया और निकल पड़ा बारात लेकर उज्जैन की ओर।
दिव्यांग सुल्तान ने बताया कि वह अपने मताधिकार का उपयोग कर अत्यधिक प्रसन्न है। उसका कहना था कि मेरी प्रबल इच्छा थी कि पहले वोट फिर शादी। सुलतान ने दिव्यांगों के लिये इस बार व्हील-चेयर एवं बिना लाइन में लगे मतदान की सुविधा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे दिव्यांगजनों में मतदान के प्रति रुझान और अधिक बढ़ा है।
(निर्वाचन सफलता की कहानी-उज्जैन)
राजेश पाण्डेय/हरिशंकर शर्मा