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घर मालिक अधिकतम 2 गाय पाल सकेंगे घोड़े एवं अन्य पशु होंगे शहर से बाहर मन्दिर की गोशालाएं यथावत चलेंगी कलेक्टर ने पशुपालकों की बैठक ली


उज्जैन । कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आज बृहस्पति भवन में उज्जैन शहर के विभिन्न पशुपालकों की बैठक लेकर उन्हें चेतावनी दी कि वे अपने आप अपने पशु बाड़ों को हटा लें। पशुओं को पालने के लिये आसपास के गांवों में भूमि लेकर शेड बनायें तथा उन्हें वहीं पर रखें। उन्होंने 7 दिन का समय देते हुए कहा है कि 7 दिन बाद प्रशासन कड़ी कार्यवाही कर शहर के सभी बाड़ों को हटा देगा। इसके लिये जिम्मेदार वे स्वयं होंगे। कलेक्टर ने साथ ही बताया कि शहर में यदि घर मालिक चाहे तो वह अधिकतम 2 गाय पाल सकते हैं, किन्तु इसके लिये उसके पास पर्याप्त स्थान होना आवश्यक है एवं गायों को बांधकर रखना आवश्यक है। सात दिन बाद गायों व अन्य पशुओं को शहर की सड़कों पर घूमते पाये जाने पर सम्बन्धित पशु मालिक के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए पशु की कीमत की 50 प्रतिशत राशि पैनल्टी के रूप में वसूल की जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि मन्दिरों की गौशालाएं यथावत रहेंगी।

गुंडे-बदमाश टारगेट पर

      कलेक्टर ने पशु मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सभी के बारे में जानकारियां प्रशासन के पास एकत्रित की जा चुकी हैं। गुंडागर्दी एवं बदमाशी करने वाले पशु मालिकों की भलाई इसी में है कि वे अपने-अपने पशुओं को शहर के बाहर कर दें और शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि नगर निगम की पशु पकड़ने वाली गैंग से यदि किसी ने दुर्व्यवहार या मारपीट की तो उस व्यक्ति को सीधे जेल भेज दिया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि उज्जैन शहर में वर्ष 2018 में कुल 915 दुर्घटना से मृत्यु हुई है। इसमें से भी 350 व्यक्तियों की मौत पशुओं के कारण हुए एक्सीडेंट से हुई है। उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी की परम्परा का निर्वहन करते हुए शहर को स्वच्छ बनाने में सभी पशु मालिक सहयोग करें।

      बैठक में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने कहा कि पशु मालिकों के लिये निर्धारित की गई समय-सीमा प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। धार्मिक पर्यटन के लिये आने वाले पर्यटक उज्जैन में पशुओं के कारण परेशान होते हैं और शहर की छवि खराब होती है। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार प्रत्येक घर मालिक को 2 गाय पालने तक की अनुमति दी जा सकेगी और उन पर 6 माह तक निगरानी रखी जायेगी। निगम आयुक्त ने कहा कि जिन व्यक्तियों के पास पशुओं के बाड़े हैं, वे 7 दिन के अन्दर अपने बाड़े नगर निगम सीमा के बाहर ले जायें। 7 दिन के बाद नगर निगम की टीम द्वारा आवारा पशुओं एवं गायों को पकड़ा जायेगा और आवारा पशु पकड़े जाने पर प्रत्येक पशु की कीमत की 50 प्रतिशत राशि सम्बन्धित मालिक से पैनल्टी के रूप में वसूली जायेगी।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया ने पशुओं के कारण होने वाले एक्सीडेंट्स के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रोड एक्सीडेंट में 40 से 50 प्रतिशत एक्सीडेंट पशुओं के कारण हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि उज्जैन शहर में जनवरी-2018 के बाद अब तक 915 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इसमें से 350 व्यक्तियों की मृत्यु पशुओं के कारण दुर्घटना से हुई है। बैठक में पशु पालकों द्वारा सहयोग करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वे निगम द्वारा जारी होने वाले निर्देशों का पालन करेंगे। बैठक में एडीएम श्री जीएस डाबर, एएसपी श्री अभिजीत रंजन, उपायुक्त नगर निगम श्री योगेन्द्र पटेल एवं बड़ी संख्या में पशुपालक मौजूद थे।      

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