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जहां घर वहां उद्यान बताकर 4 बार लाखों निकलवाए अधिकारियों ने, अब उसी घर को तोड़ने का नोटिस दिया



मकान मालिक बोला भ्रष्टाचार उजागर की खीझ निकाल रहे अधिकारी-शिकायत कर कहा पहले जांच हो फिर कार्रवाई
उज्जैन। नगर निगम द्वारा साईनाथ कॉलोनी में मकान तोड़ने के नोटिस के खिलाफ मकान मालिक ने निगम अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाए हैं, इस मामले में मकान मालिक ने संभागायुक्त, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, निगम आयुक्त, कार्यपालन यंत्री, भवन अधिकारी झोन क्रमांक 6 को पत्र लिखकर कार्रवाई रोकने हेतु गुहार लगाई है। साथ ही कहा गया कि मेरे द्वारा निगम अधिकारियों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया जिसके परिणाम स्वरूप यह कार्रवाई की जा रही है, निगम अधिकारियों ने साईनाथ कॉलोनी में जहां मेरा घर है वहां कागजों पर उद्यान दर्शाकर चार बार उद्यान सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रूपये निकलवा लिये। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकालकर मामले का खुलासा किया तो अब अधिकारी मकान तोड़ने पर आमादा हो रहे हैं। 
सुरेशचंद्र एवं राजेन्द्र पिता गयाप्रसाद पाल के निवासी 5, डीआईजी कम्पाउंड, विष्णुपुरा के अनुसार वार्ड क्रमांक 47 के भवन क्रमांक 39/1 स्थित साईनाथ कॉलोनी में हमारा परिवार 1998 से निवास कर रहा है। उक्त भवन हमने विधिवत रूप से बजर्ये रजिस्टर्ड विक्रय पत्र 4.10.1998 को लालाबाई बेवा कालूजी व इनके पुत्र मदन से खरीदा था और लालाबाई व मदन ने उक्त भवन दान पत्र से 1994 में श्री महावीर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन से प्राप्त किया था। सभी कागज, रजिस्ट्री होने के बावजूद मकान तोड़ने का नोटिस नगर निगम द्वारा दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता धनराज गेहलोत निवासी शास्त्रीनगर ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत उक्त कॉलोनी का ले आउट कई बार मांगा लेकिन नगर निगम ने हर बार लेखी रूप से अवगत कराया कि हमारे पास साईनाथ कॉलोनी का ले आउट या नोटशीट उपलब्ध नहीं है। कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश से साईनाथ कॉलोनी का नक्शा निकलवाया जिसमें वर्ष 1998 के नक्शे में 3 उद्यानों हेतु भूमि आरक्षित रखने का प्रावधान है। लेकिन जब नगर निगम से वार्ड क्रमांक 47 के उद्यानों की प्रमाणित जानकारी मांगी तो साईनाथ कॉलोनी में एक भी उद्यान नहीं दर्शाया गया। नगर निगम के मानचित्र विभाग से भी जानकारी ली तो वहां भी साईनाथ कॉलोनी में उद्यान नहीं दर्शाया गया। 
यह हुआ फर्जीवाड़ा
साईनाथ कॉलोनी का नगर निगम के पास ले आउट न होने, साईनाथ कॉलोनी में कोई उद्यान न होने के बावजूद 2 जुलाई 2016 को उद्यान विभाग के बाबूलाल बागड़ी व योगेन्द्र गंगराड़े ने कॉलोनी सेल से साईनाथ नगर के बगीचे को अतिक्रमण मुक्त कर उद्यान विकसित कराने हेतु ले आउट प्लान अनुसार कॉलोनी सेल का अभिमत मांगा। जबकि नगर निगम ने तथा मानचित्र विभाग ने हर बार आरटीआई में बताया कि हमारे पास न तो कॉलोनी का ले आउट है न मानचित्र फिर आखिर नगर निगम को कैसे मालू हुआ कि साईनाथ नगर में उद्यान है और वह है तो कहां पर। 
सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा
नगर निगम साईनाथ कॉलोनी में उद्यान न होने का लेटर गेहलोत को जारी कर रहा है वहीं दूसरी ओर इसी कॉलोनी में उद्यान होने का हवाला दे रहा है। सिर्फ कागजों में ही 3. जुलाई 2017 को नोटशीट में उक्त कॉलोनी में उद्यान माना गया और मात्र 13 दिनों की अवधि में बाले-बाले निविदा प्रक्रिया का पालन किये बगैर सौंदर्यीकरण कराते हुए 12 अगस्त 2017 से आगामी दिनांकों में तीन बार सौंदर्यीकरण कार्य के एवज में ठेकेदार को भुगतान किया गया। 13 दिनों में निविदा आमंत्रित कैसे हुई, कब निविदाओं की जांच हुई, कब कार्यादेश जारी हुआ, कब उसका आरंभ हुआ अवलोकन हुआ, सब हवाबाजी है। जबकि मौके पर आज भी सुरेशचंद्र पाल एवं राजेन्द्र पाल बतौर स्वामी काबिज हैं। 
कागजी उद्यान पर 4 बार लाखों का भुगतान
अब तक इस कागजी उद्यान के सौंदर्यीकरण के नाम पर 12 अगस्त 2016 को 1 लाख 77 हजार 955 रूपये व्हाउचर नंबर 267 से, 6 जुलाई 2016 को उद्यान के अस्तित्व में आने के पूर्व ही 1 लाख 85 हजार 370, 12 अगस्त 2016 को चेक द्वारा 44 हजार 489, 24 मई 2017 को 10 लाख 37 हजार 870 का भुगतान ठेकेदार को किया गया। 
जांच का विषय
नगर निगम द्वारा नोटिस जारी कर हमारे भवन को सार्वजनिक उद्यान पर अवैध बताकर तोड़े जाने की चेतावनी दी है जबकि हमारा भवन हमारी निजी भूमि पर ही है। जबकि मेरे ही ठीक पास के भवनों पर नगर निगम ने वर्ष 2016, 2017 में भवन निर्माण अनुज्ञाएं सुदीप व्यास पिता केशवनारायण व्यास की प्लाट नंबर 58 एवं प्लाट नंबर 48 पर शारदा पति नागेश, प्लाट नंबर 47 पर ज्योति प्रहलाद लालवानी, लक्ष्मी शर्मा की प्लाट नंबर 97 की स्वीकृति की है। 
फर्जीवाड़ा उजागर किया इसलिए हो रही कार्रवाई
सुरेशचंद्र पाल ने कहा कि मैने और आरटीआई कार्यकर्ता धनराज गेहलोत ने फर्जीवाड़ा उजागर किया है कि वार्ड क्रमांक 47 की साईनाथ कॉलोनी में तीन उद्यानों हेतु टीएनसी के नक्शे में जमीन आरक्षित है फिर भी नगर निगम ने तीन उद्यान तो दूर एक भी उद्यान नहीं बनाया और तीसरा उद्यान टीएनसी के नक्शे में जहां दर्शाया गया है उसके समीप सुरेन्द्र पाल का मकान क्रमांक 39/1 साईनाथ कॉलोनी बना है। इसके पूर्व भूखंड क्रमांक 39 पर टाईगिरी बाबा हाथीवाले को शासन की ओर से 4 हजार वर्गफुट का पट्टा आवंटित है। पाल ने बताया कि हम अपने स्वामित्व के भाग पर ही काबिज हैं लेकिन भ्रष्टाचार, अनियमितता उजागर होने से निगम के अधिकारी बौखला गए हैं और वे मेरा निर्माण तोड़कर मेरी भूमि हड़प करना चाहते हैं। इस पूरे मामले में निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध व प्रमाणित रूप से गलत है। 
भ्रष्टाचार करने वालों को मिले सजा
सुरेशचंद्र पाल ने कहा कि हमारे भवन व भूमि को कतई प्रभावित न किया जाए और हमारे स्वामित्व भाग पर कोई कार्रवाई न की जावे। मेरे द्वारा न्यायालय में अपील प्रस्तुत की जा चुकी है। मेरी निजी भूमि पर फर्जी रूप से कागजों में उद्यान बताकर मुझे हटाने की साजिश करने, सिर्फ कागजों पर उद्यान दर्शाकर सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रूपये का भ्रष्टाचार करने के मामले में तथा पार्षद द्वारा बाले बाले फर्जी तरीके से सिर्फ कागजों पर उद्यान स्थापित करने के मामले में सीधे आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए तथा दोषियों को तत्काल निलंबित कर इनका अटेचमेंट दूरस्थ कार्यालय में किया जावे ताकि ये जांच को प्रभावित न कर सकें। 
भवन को क्षति पहुंचाई तो लेंगे न्यायालय का सहारा
पाल ने कहा यदि हमारे भवन या भूमि भाग को किसी प्रकार से प्रभावित किया गया तोड़ा गया या हमें बेदखल किया गया तो हमारे द्वारा उच्च न्यायालय में फास्ट ट्रेक कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया जाकर सभी दोषियों के विरूध्द वैधानिक कार्यवाही, क्षति की राशि वसूली हेतु वैधानिक कार्यवाही, दावे, इसके परिणामों, खर्चों का उत्तरदायित्व आप स्वयं का निजी रूप से होगा।

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