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नागदा-खाचरौद क्षेत्र जल अभावग्रस्त घोषित


 

सार्वजनिक जलस्त्रोत से सिंचाई तथा औद्योगिक प्रयोजन के लिये बिना अनुज्ञा के जल नहीं ले सकेंगे

    उज्जैन । नगर पालिका नागदा एवं खाचरौद तथा रेलवे को पेयजल की आपूर्ति चंबल नदी के नायन बांध से होती है। ग्रीष्मकाल में आगामी नागदा नगर के लिये 100 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होगी। आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए चंबल नदी में इस मान से जल सुरक्षित रखा जाना आवश्यक है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-3 में उपलब्ध प्रावधान के अनुसरण में घरेलु प्रयोजनों के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से नागदा/खाचरौद क्षेत्र को जल अभावग्रस्त घोषित किया है। जल अभावग्रस्त 15 जुलाई तक उज्जैन जिले के सभी नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आदेश प्रभावशील रहने के लिये आदेश सम्बन्धित राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को दिये हैं।

    कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश के तहत मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा-4 में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसरण में उज्जैन जिले की नागदा/खाचरौद क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक जलस्त्रोत से सिंचाई तथा औद्योगिक प्रयोजन के लिये कलेक्टर के बिना जल नहीं ले सकेंगे। नागदा शहर में स्थित ग्रेसिम औद्योगिक इकाईयों के लिये यह रियायत अग्रिम आदेशपर्यन्त रहेगी कि वे नागदा नगर के निकट चंबल नदी पर निर्मित एनीकेट से अपनी औद्योगिक इकाईयों के लिये जल प्राप्त कर सकेंगे, परन्तु उन्हें उपलब्ध कराये जाने वाले पानी की मात्रा का समय-समय पर आंकलन निरन्तर किया जायेगा। जल की उपलब्धता की स्थिति के आधार पर वर्तमान में दी जाने वाली इस रियायत पर पुन: विचार किया जा सकेगा।

    राजस्व अनुभाग नागदा/खाचरौद के नगर पालिका एवं अन्य स्थानीय संस्थाएं अपने क्षेत्र में जल का उपयोग घरेलु प्रयोजन के लिये हो, इस उद्देश्य से जल के उपयोग के विविध तरीकों पर सतत निगरानी रखे जाने के निर्देश कलेक्टर ने सम्बन्धित निकायों के अधिकारियों को दिये हैं। उनका उत्तरदायित्व होगा कि वे अन्य प्रयोजनों के लिये उनके अधिकार क्षेत्र में जल का उपयोग पाये जाने की स्थिति में अधिनियम के अधीन आवश्यक वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने की पहल करेंगे। ऐसे प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी कलेक्टर को समय-समय पर अवगत करायेंगे।

    कलेक्टर ने प्रत्येक ग्राम में कार्यरत जल समितियों को यह अधिकार दिये हैं कि वे उक्त आदेश के उल्लंघन की स्थिति में कलेक्टर एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को उल्लंघन की सूचना दें, ताकि सम्बन्धित के विरूद्ध अधिनियम की धारा-9 के प्रावधान के अन्तर्गत 2 वर्ष का कारावास या 2 हजार रूपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा। कलेक्टर ने जल समितियों एवं ग्राम सभाओं के पदाधिकारियों के क्षेत्रान्तर्गत उपलब्ध एवं संग्रहित जल की समय-समय पर समीक्षा करें और उपलब्ध जल के उपयोग के बारे में सुझाव अथवा समस्या हो तो वह अपने राजस्व अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से सम्पर्क कर उन्हें अवगत करायें।

 

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