उज्जैन में डिजीटलाईजेशन से बढ़ रहा है स्वच्छ भारत अभियान
ujjain @ स्वच्छ भारत अभियान सर्वेक्षण 2019 के तहत नगर निगम उज्जैन द्वारा शहर को स्वच्छ बनाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। इस बार नगर निगम स्वच्छ भारत अभियान को डिजीटलाईजेशन की और ले जा रहा है। हर काम भी समीक्षा की जा रही है और बकायदा नगर निगम की एक टीम इसके लिए काम कर रही है और हर काम का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। साथ ही उसे अमल में भी लाया जा रहा है।
नगर निगम द्वारा स्वच्छता अभियान 2019 के तहत इस बार बदलाव लाने के सराहनीय प्रयास किए जा रहे है। शहर को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से नगर निगम की एक टीम इस अभियान को डिजीटलाईजेशन का रूप देने का काम कर रही है।
नगर की इस टीम में कई कर्मचारी स्वच्छ भारत अभियान को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार रहे है। जिसके बाद नगर के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में इस ब्लू प्रिंट को लागू किया जा रहा है। उज्जैन शहर के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कमिश्नर योगेशसिंह पटेल ने बताया कि नगर निगम अगले सात दिनों में शहर के कचरा पाइंट पूरी तरह खत्म कर देगा। उनके आस-पास के रहवासियों को समझाइश देंगे कि वे कचरा उन पाइंटों पर न डालें। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहनों में ही कचरा डालने की सलाह दी जाएगी। सात दिन के बाद शहर के सभी कचरा पाइंट से सभी बड़ी डस्टबीन हटा ली जाएगी।
इसके बाद भी वहां पर कचरा डाला तो संबंधित पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। जिन संस्थानों में ज्यादा कचरा निकलता है, उन्हें गीले कचरे से खाद बनाने का प्लांट स्थापित करना जरूरी है। जिन संस्थानों और प्रतिष्ठानों में इसका पालन नहीं किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बड़े प्रतिष्ठानों में रोज बड़ी मात्रा में गीला कचरा निकल रहा है लेकिन यह कचरा कहां जा रहा है, इससे क्या किया जा रहा है, इसकी जांच भी की जाएगी।
शहर के कचरा पाइंट को सेल्फी पाइंट में बदला जा रहा है। विभिन्न कचरा पाइंट को नगर निगम कचरा मुक्त कर उनके स्थान पर सेल्फी पाइंट विकसित कर रहा है। यहां दीवारों की रंगाई-पुताई करवाई जा रही है। साथ ही रंग-बिरंगे चित्र बनाएं जा रहे है। विभिन्न स्थानों पर रखी कुर्सियों की भी रंगाई-पुताई करवाई जाएगी। सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी में स्वच्छता स्थापित करते हुए इसकी सुंदरता में वृद्धि करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने शहर के लोगों से आग्रह किया कि वे शहर को स्वच्छ बनाने और सुंदरता के लिए निगम का सहयोग करें। घरों, प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कचरे को सड़क पर न फेंकते हुए डस्टबीन का उपयोग करें। कचरा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन में ही डालें। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करके ही डालें। गीले कचरे से घर और प्रतिष्ठानों में ही कंपोस्ट यूनिट स्थापित कर खाद बनाएं। गंदगी करने वालों को रोकें।