पत्रकारों से हलफनामा भरवाने की शिकायत की सिटी प्रेस क्लब ने
उज्जैन के जनसंपर्क विभाग को आदेश बदलना पड़ा
उज्जैन। जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों को मतदान कव्हरेज करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिकार पत्र देने के बदले में स्थानीय अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से एक हलफनामा भरवाया जा रहा था जिसमें कई शर्तें एवं दंड का प्रावधान डाला गया था। इसकी शिकायत सिटी प्रेस क्लब द्वारा सीपीआर पी नरहरि को की गई और उनके हस्तक्षेप के बाद तत्काल यह आदेश निरस्त करना पड़ा।
स्थानीय जनसंपर्क के अधिकारी पंकज मित्तल द्वारा शनिवार को पत्रकारों को मनमाने ढंग से अनुबंध हलफनामा भरवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। जिसमें उल्लेखित किया गया था कि पत्रकार किसी आपराधिक रिकॉर्ड का न हो, किसी राजनैतिक दल से जुड़ा हुआ न हो एवं किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर दंडित किया जाने का प्रावधान था। इसका सिटी प्रेस क्लब एवं समस्त प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मियों ने पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन है और ऐसे किसी हलफनामे को मीडिया के साथी नहीं भरेंगे। इस संबंध में सिटी प्रेस क्लब के वरिष्ठ साथियों ने भोपाल के अधिकारियों से बात की तो सीपीआर पी नरहरि ने कहा कि ऐसा कोई प्रपत्र भरवाने का भोपाल से आदेश नहीं है यह स्थानीय स्तर पर हो रहा है। पूरी जानकारी देने पर उज्जैन के अधिकारियों को अपना मनमाना आदेश वापस लेना पड़ा तथा इसके बाद ही बिना किसी हलफनामे के हस्ताक्षर से अब पत्रकारों को मतदान कव्हरेज के कार्ड दिये जाएंगे। इस संबंध में सिटी प्रेस क्लब के मुख्य संगठक शैलेन्द्र कुल्मी तथा अन्य पदाधिकारियों ने पूरे मामले से चुनाव आयोग को अवगत कराने की बात कही है। यह पहली बार हो रहा है कि किसी चुनाव के कव्हरेज के अधिकार पत्र देने से पहले पत्रकारों से कोई हलफनामा भरवाया जाए एवं शर्त लगाई जाए। सिटी प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि ऐसा हलफनामा भराने का निर्णय वापस नहीं होता तो हम यह कार्ड नहीं लेंगे और चुनाव का कव्हरेज नहीं करेंगे।