भगवान श्री महाकाल की वैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन सवारी मेंहिंगोट, रॉकेट, लड़ एवं फटाखा बम जलाना प्रतिबंधित रहेगा
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मन्दिर से प्रारम्भ होने वाली बाबा महाकाल की वैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर हरिहर मिलन सवारी में हिंगोट, रॉकेट, लड़ एवं फटाखा बम आदि विस्फोटक सामग्री जलाने के सम्बन्ध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं। हरिहर मिलन सवारी में आतिशबाजी के उपयोग में केवल फुलझड़ी, अनार व चकरी का ही प्रयोग कर सकेंगे। निर्धारित शर्तों के तहत आतिशबाजी का उपयोग केवल 21 नवम्बर की रात्रि 11 बजे से 22 नवम्बर प्रात: 1 बजे अर्थात 2 घंटे ही किया जा सकेगा। इस अवधि के पहले एवं बाद में आतिशबाजी/फटाखों के उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिये हैं।
आदेश के तहत भगवान श्री महाकाल की हरिहर मिलन सवारी में आतिशबाजी एवं पटाखों का नियंत्रण एवं नियमन इस प्रकार से किया जाये कि पटाखों का उपयोग भी हो जाये और सम्पूर्ण सवारी के दौरान कहीं भी मानव जीवन के स्वास्थ्य पर कोई खतरा भी उत्पन्न न हो। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना भी प्रशासन, पुलिस एवं समस्त नागरिकों के लिये बाध्यकारी है। आतिशबाजी का स्वरूप सर्वोच्च न्यायालय की भावनाओं के अनुरूप होना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से हरिहर मिलन सवारी में 21 नवम्बर की रात्रि 11 बजे से श्री महाकालेश्वर मन्दिर से प्रारम्भ होने वाली भगवान महाकाल की वैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन सवारी के लिये उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
आदेश सवारी में शामिल होने वाले आमजन एवं श्रद्धालुओं पर भी लागू रहेगा। साथ ही साथ इस सवारी से संबद्ध सभी ऐसे व्यक्तियों जो आतिशबाजी करने की मंशा उनकी धार्मिक आस्था के कारण रखते हैं, उन व्यक्तियों पर भी यह आदेश प्रभावशील रहेगा। आदेश के सम्बन्ध में किसी भी आमजन को अगर कुछ तर्क प्रस्तुत करना हो तो वह 21 नवम्बर की प्रात: 11 बजे तक अपना लिखित तर्क प्रस्तुत कर सकता है। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि उक्त आदेश का पालन कराना सम्बन्धित अनुविभागीय दण्डाधिकारी व उनके अधीनस्थ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और उनके साथ सम्बन्धित पुलिस अधिकारियों का दायित्व रहेगा। आदेश का अगर कोई व्यक्ति उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भादंवि की धारा-188 के तहत सम्बन्धित थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।