यूरिया खाद की कोई कमी नहीं, जहां गैप है वहां शीघ्र पूर्ति की जायेगी, किसानों को समय पर उर्वरक का वितरण किया जाये
कहीं से कोई शिकायत न मिले, मुख्य सचिव ने वीसी के माध्यम से दिये प्रदेश के समस्त संभागायुक्तों को निर्देश
उज्जैन । मुख्य सचिव श्री बसन्तप्रताप सिंह ने कृषि एवं कृषि विभाग से जुड़े सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भोपाल मंत्रालय से वीसी के माध्यम से प्रदेश के समस्त संभागायुक्तों को निर्देश दिये कि रबी सीजन में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है। जिन जिलों में कहीं गैप है, वहां शीघ्र खाद की पूर्ति की जा रही है। किसानों को समय पर उर्वरक का वितरण किया जाये। कहीं से भी कोई शिकायत न मिले, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। शिकायत आने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। मुख्य सचिव ने प्रदेश के समस्त संभागों के संभागायुक्तों को अवगत कराया है कि यूरिया प्रदाय करने की प्राथमिकता सभी कंपनियों को दी गई है। रेलवे ने भी पोर्ट पर रखे आयातित यूरिया को प्रदेश में लाने के लिये यूरिया कंपनियों को प्राथमिकता देने का आदेश सरकार द्वारा कर दिया है।
वीसी के माध्यम से मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि वर्तमान में यूरिया की हरदा में 3, मांगल्या, इटारसी व सतना में 2-2 तथा छिंदवाड़ा, खंडवा, सीहोर, बैतूल, सागर, रतलाम और मुरैना में 1-1 रैक ट्रांजिट में है। मुख्य सचिव ने संभागायुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने संभाग के अन्तर्गत जिलों के जिला कलेक्टरों से खाद की उपलब्धता के बारे में चर्चा कर उन्हें अवगत करायें। संभागायुक्त ने वीसी में उर्वरक केन्द्रों की व्यवस्था और दलहन, तिलहन, चना, मसूर के उपार्जन का पैसा किसानों को उपलब्ध कराया गया है या नहीं, इस पर विशेष ध्यान दिये जाने के लिये कहा। जहां किसानों के खातों में चना, मसूर का पैसा उपलब्ध नहीं कराया है वहां शीघ्र उपलब्ध कराया जाये। किसानों में खाद के मामले में भ्रम की स्थिति न हो। उन्हें स्पष्ट रूप से यह बताया जाये कि खाद उपलब्ध है तो उन्हें उपलब्ध कराया जाये और नहीं है तो उन्हें यह बताया जाये कि 1 दिन या 2 दिन में उपलब्ध करा दिया जायेगा। मुख्य सचिव ने संभागायुक्तों को निर्देश दिये कि वे संभाग स्तर पर आपस में जिले युक्तियुक्तकरण कर लें, ताकि किसी जिले को खाद की कमी महसूस न हो।
वीसी में मुख्य सचिव ने संभागवार उर्वरक की समीक्षा की और सम्बन्धितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। वीसी में चना, मसूर एवं सरसों के भुगतान एवं उपार्जन के बारे में भी संभागवार समीक्षा कर सम्बन्धितों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि चना, मसूर एवं सरसों के कृषकों को जिन्हें भुगतान नहीं हुआ है, उन्हें समितियों को देय कमीशन एवं खरीदी संचालन में होने वाली हानि प्रतिभूति हेतु दिये जाने वाले राशि से सुनिश्चित किया जाये। जिन जायज प्रकरणों में भुगतान लम्बित है, ऐसे प्रकरणों को सम्बन्धित उपार्जन एजेन्सी के प्रबंध संचालक को भेजा जाये। वीसी में निर्देश दिये कि दलहन के सेन्टर ऑपरेशनलाइज करें। मंडी में सेन्टर न होने की दशा में मंडी स्तरीय सर्वेयर एजेन्सी लगायें एवं एफक्यू जो एमएसपी से कम विक्रय हो रहा है उपार्जित करना सुनिश्चित करें। मंडी में बैनर लगायें, किसानों को उपज साफ कर लाने हेतु बताया जाये।
वीसी में उज्जैन संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, उपायुक्त भू-अभिलेख श्री आरपी गेहलोत, संयुक्त संचालक कृषि, उप संचालक कृषि तथा सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।