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25 साल के भाजपा राज पर गुस्साए लोग, मजदूरों ने भी सुनाई खरीखोटी



जनसंपर्क पर निकली माया त्रिवेदी को सुनाई अपनी पीड़ा, कहा आप विधायक बनो और समस्याएं दूर करो
उज्जैन। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही माया राजेश त्रिवेदी ने शनिवार को अंकपात रोड़ स्थित गायत्री शक्तिपीठ से जनसंपर्क प्रारंभ किया। यहां रहवासियों ने उन पर तो फूल बरसाए लेकिन भाजपा राज में की जा रही उनकी अनदेखी पर भी पारस जैन के खिलाफ उनका गुबार फूटा। यहां रहने वाले मिल मजदूरों ने शिवराज सरकार को कोसा तो कुछ ने सड़कों के गड्ढे, पीने के पानी की किल्लत जैसी मूलभूत सुविधा के लिए 25 सालों से विधायक रहे पारस जैन के खिलाफ खरी खोटी सुनाई। 
माया त्रिवेदी ने दुर्गा कॉलोनी, गायत्री कॉलोनी, श्रीराम कॉलोनी, अनंत नगर, गंगानगर, महेश नगर, पटेल कॉलोनी, गांधी नगर, मोहन नगर, कमल कॉलोनी आदि क्षेत्रों में जनसंपर्क किया। यहां लोगों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि क्षेत्र में नलिया साफ नहीं, पाईप लाईन आधी अधूरी है, कितना गंदीवाड़ा है, रोड़ आधा बना है, नई पाईप लाईन डली वह भी चालू नहीं हुई सीएम हेल्पलाईन में शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पीने का पानी नहीं मिल रहा। 25 साल से कॉलोनी में कोई देखने नहीं आया। वहीं मिल मजदूरों ने कहा कि भाजपा शिवराज घोषणा करते रहे पाई पाई दूंगा मिल की जमीन बैच के दूंगा, बाद में पलट गए। मजदूरों के मंच पर घोषणा की और नगर निगम का चुनाव जीत लिया, पारस जैन भी मजदूरों के मंच पर आए लेकिन सब झूठ बोलते रहे। हम 27 साल से लड़ रहे हैं, कोर्ट में केस जीत गए लेकिन शिवराज सरकार ने टांग अड़ाई और भुगतान नहीं हो सका अब सुप्रीम कोर्ट में मामला चला गया। मजदूरों ने कहा शिवराज जैसा झूठा आदमी पूरे हिंदूस्तान में नहीं है। दुखी लोगों ने माया त्रिवेदी से कहा हम चाहते हैं आप विधायक बनो और सड़क बनाओ, गंदगी हटवाओ, 15 साल से कीचड़ में रह रहे, डॉक्टरों का भला कर रहे और बच्चों का इलाज। पहले वोट लेकर जीत गए लेकिन न तो विधायक, न पार्षद आए हम परेशान हो गए पार्षद, विधायक के घर चक्कर लगाते-लगाते। 
जो जनता के वोटो के बूते पर जीते, उन्होंने सिर्फ करोड़ों-अरबों कमाए और घर भरे
जनता की समस्याओं और मजदूरों की दुर्दशा पर बोलते हुए माया राजेश त्रिवेदी ने कहा मैने पार्षद रहते हुए भी जनसेवा का कर्म निभाया है आगे भी जनता की आवाज बनकर मुझे अपना फर्ज निभाना है, सुख, शांति और संपन्नता हो ऐसा समाज बनाना है। जनता के वोटों के बूते अब तक जो चुने गए उन्होंने करोड़ों, अरबों कमाए और अपने घर भरे। उनका गरीबों, मजदूरों की रोजी रोटी से कोई सरोकार नहीं था, वे कभी भी जनता के मददगार नहीं रहे। इन सबको सबक सिखाने के लिए जनता तैयार है और 28 नवंबर पर टार्च पर बटन दबाकर वह मठाधीश बनकर बैठे नेताओं को जवाब दे देगी। 

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