करणी सेना ने दिया मंत्र ‘‘प्रदेश बचाना है, तो भाजपा को हराना है’
अयोध्या से लौटे कालवी ने कहा सिविल कास्ट एक्ट पर अध्यादेश लाए, राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं ला सके
उज्जैन। श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक ठाकुर लोकेन्द्रसिंह काल्वी अयोध्या में राम लला के दर्शन कर उज्जैन पहुंचे। यहां करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष मातृशक्ति उर्मिला प्रहलादसिंह तोमर के नेतृत्व में करणी सेना पदाधिकारियों ने उनका अभिनंदन किया। यहां पहुंचकर कालवी ने करणी सेना को मंत्र दिया ‘प्रदेश बचाना है, आरक्षण की व्यवस्था लाना है तो भाजपा को हराना है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अयोध्या में भगवान राम को अंतिम बार प्रणाम कर आया हूं अब वहां तभी जाउंगा जब वहां भव्य राजमहल खड़ा कर पाउंगा।
उर्मिला तोमर के अनुसार कालवी के साथ मध्यप्रदेश प्रभारी दिलीपसिंह खिजूरी भी आए। स्टेशन पहुंचने पर कालवी का अभिनंदन प्रदेश सचिव डॉ. भूपेन्द्रसिंह बैस, प्रदेश महामंत्री संजय सांखला, प्रदेश उपाध्यक्ष रघुवीरसिंह चावड़ा, जिलाध्यक्ष गजेन्द्रसिंह चावड़ा, प्रदेश सचिव हेमा कुशवाह, संभाग अध्यक्ष शकुंतला कुशवाह, जिलाध्यक्ष राका लक्ष्मी तोमर सिंह ने किया। यहां कालवी ने चुनाव पर बोलते हुए कहा कि राजपूत राजनीति नहीं करेगा तो क्या घास काटेगा। राजस्थान और मध्यप्रदेश में एक ही नारा दिया है प्रदेश बचाना है, आरक्षण की व्यवस्था लाना है तो भाजपा को हराना है। कठिन निर्णय है पर इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है, ज्यादा बिखराव न हो तो सामान्य सीटों पर जो भाजपा को हरा सके उसे समर्थन दे रहे हैं। कालवी ने कहा कि तीन दिन बाद वे लगातार चुनाव में मध्यप्रदेश में प्रवास करेंगे। जो भी उम्मीदवार आरक्षण विरोधी होगा उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या पर भगवान राम के बाल स्वरूप के दर्शन किये और अंतिम बार प्रणाम किया कि अब यदि भव्यता से राजमहल खड़ा नहीं कर पाउंगा तो नहीं आउंगा। राम मंदिर पर कोई अध्यादेश जारी नहीं हुआ सिविल कास्ट एक्ट पर हुआ। भाजपाई हिंदू की एकता की बात करते हैं और उसमें अनेकता पैदा कर रहे हैं और सामाजिक समरसता को तोड़ना, जातिय संघर्ष की ओर धकेलने का काम भाजपा कर रही है और उन्हीं के हाथों हम बदलाव चाहते हैं, गड़बड़ केन्द्र कर रही है। मध्यप्रदेश और राजस्थान हारे तो फिर गुंजाईश है केन्द्र को अक्ल आए। आरक्षण पर केन्द्र नहीं बोल रहा, सिविल कास्ट एक्ट केन्द्र सरकार लाई, दत्तात्रेय होसबोले से लेकर मोहन भागवत कह रहे आरक्षण की समीक्षा करो यदि कोई नहीं कर रहा तो केन्द्र सरकार। 11 दिसंबर से पहले कुछ नहीं हो सकता। हम 11 दिसंबर से 10 मार्च का समय फिर देंगे और 10 मार्च को दिल्ली चलेंगे। हमेशा कहते हैं रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे फिर जब सत्ता में आए तो कहने लगे मामला कोर्ट में पड़ा है। लेकिन कोर्ट के बाहर सिविल कास्ट एक्ट पर जब फैसला ले लिया उसके बाद तय कर लिया, हम सुप्रीम कोर्ट में है, भारत सरकार के पास है, उत्तरप्रदेश सरकार को अर्जी लगाकर आए हैं हम क्षत्रिय है भगवान राम के वंशज हैं हमें दे दिया जाए हम वहां पर एक भव्य राजमहल बना देंगे। सफल होंगे ऐसा विश्वास है।