सातों विधानसभा के 140 तकनीकी कर्मचारियों को मतदान की तैयारी हेतु ईवीएम एवं वीवीपेट को तैयार एवं उसे सक्रिय करने का प्रशिक्षण दिया
उज्जैन । विधानसभा निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार मतदान बुधवार 28 नवम्बर को प्रात: 8 बजे से शाम 5 बजे तक सम्पन्न होगा। मतदाता इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन एवं वोटर वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल के माध्यम से मतदान करेंगे। मशीनों की तैयारी एवं उसे सक्रिय करने का प्रशिक्षण जिले की सातों विधानसभा के 140 तकनीकी कर्मचारियों को गुरूवार 15 नवम्बर को दोपहर में विक्रम कीर्ति मन्दिर में दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप जीआर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपी वर्मा, समस्त रिटर्निंग आफिसर एवं सहायक रिटर्निंग आफिसर एवं तकनीकी कर्मचारियों का अमला उपस्थित था।
प्रशिक्षण प्रो.आरके तिवारी, श्री मनोज हिंगे, श्री उदिया, डॉ.राजेन्द्र प्रकाश गुप्ता एवं प्रोग्रामर श्री सुधीर नातू के द्वारा मशीनों के बारे में तकनीकी जानकारी से प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षकों ने ईवीएम मशीन के बीयू एवं सीयू तथा वीवीपेट मशीन की मतदान के दिन किस प्रकार से तैयार करने की सम्पूर्ण तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि 1 प्रिंटर ड्रॉपबॉक्स के साथ जिसकी डिझाइन आयोग द्वारा अनुमोदित है, उसे वोटिंग मशीन के साथ संलग्न कर मत का पेपर ट्रे मुद्रित किया जायेगा। यही उपकरण वीवीपेट के नाम से जाना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीनों के साथ वोटर वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल का उपयोग सभी मतदान केन्द्रों में होगा। मतदान केन्द्रों में प्रयोग की जाने वाली वीवीपेट की संख्या निर्वाचन में स्थापित मतदान केन्द्र की संख्या के बराबर होगी। प्रशिक्षण में तकनीकी अमले को ईवीएम कमीशनिंग एवं सीलिंग के बारे में बारिकी से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे तकनीकी कर्मचारियों ने मशीनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर अपनी जिज्ञासाओं का भी समाधान प्रशिक्षकों से करवाया। मशीनों में बैटरी का पार्ट महत्वपूर्ण है। इसी तरह पहली बार मतदान के दिन वीवीपेट मशीन रहेगी, जो यह बतायेगी कि मतदान में मतदाता को अपने मतदान का सत्यापन पारदर्शी तरीके से हो चुका है।
वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) एक स्वतंत्र प्रिंटर प्रणाली है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से जोड़ा जाता है और इससे मतदाताओं को अपना मतदान बिलकुल सही होने की पुष्टि करने में मदद मिलती है। मतदाताओं का भरोसा बढ़ाने के लिये ईवीएम को अब वीवीपेट से जोड़ा गया है। ईवीएम और वीवीपेट मशीनों का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र के सिर्फ 2 प्रतिष्ठित संस्थानों ईसीआईएल (इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड) और बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) में एक स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञ समिति के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख और निर्वाचन आयोग के निरीक्षण में कराया जाता है, ताकि इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सके।
विधानसभा निर्वाचन-2018 में इस बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ-साथ निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वीवीपेट मशीन का उपयोग किया जायेगा। वोटर के मन में अब कोई शंका नहीं रहेगी। वोटर अब जान सकेगा कि उसने जिस उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह का बटन दबाया है, वह उसी के खाते में दर्ज हुआ है या नहीं। यह सब संभव हुआ है, वीवीपैट मशीन से। जैसे ही वोटर अपना वोट बटन दबाकर देगा, वीवीपेट मशीन की विंडो पर यह दिखाई पड़ेगा कि उसका मत किस चुनाव चिन्ह पर दर्ज हुआ है। वीवीपेट मशीन का कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह के निर्देश पर जिले के प्रत्येक मतदान केन्द्रों पर प्रदर्शन हो चुका है।
वीवीपेट एक स्वतंत्र इकाई
जैसे ही वोटर अपना वोट कास्ट करेगा वह पारदर्शी विंडो जो कि वीवीपैट मशीन में लगी है, उससे वह 7 सेकंड तक देख सकेगा कि उसने किस अभ्यर्थी, किस चुनाव चिन्ह व किस क्रम में अपना मत दिया है। 7 सेकंड के बाद उक्त स्लिप ऑटोमैटिक कटकर मशीन के एक सीलबंद ड्राप बॉक्स में गिर जाएगी।
वीवीपेट रिकाउंटिंग प्रोसेस
निर्वाचन आयोग द्वारा वीवीपेट मशीन की पर्चियों की गणना की प्रक्रिया भी निर्धारित कर दी गई है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन परिणाम की घोषणा होने के बाद अभ्यर्थी लिखित में रिटर्निंग अधिकारी को वीवीपेट मशीन के पेपर स्लिप्स की गणना का आवेदन दे सकेगा। रिटर्निंग अधिकारी गणना के लिये आदेश विभिन्न बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए दे सकेगा। रिटर्निंग अधिकारी जिस मतदान केन्द्र की वीवीपेट पर्ची की गणना का आवेदन दिया गया है, वहाँ पर कुल डाले गए मतों की संख्या, जीतने वाले अभ्यर्थी और आवेदक के मतों के अन्तर की संख्या ज्यादा या कम हो पर, किसी पोलिंग स्टेशन पर मतदान के दौरान ईव्हीएम खराब होने पर बदली गई हो या फिर उक्त मतदान केन्द्र पर वीवीपेट मशीन द्वारा पर्ची प्रिंट न करने की शिकायत नियम 49 एमए के तहत् किसी वोटर द्वारा शिकायत की गई हो, तभी गणना के आदेश जारी करेगा।