देश के आने वाले कल की तस्वीर नजर आती है छात्र-छात्राओं की आंखों में
उज्जैन। देश का भविष्य जानने के लिये ज्योतिष शास्त्र की गणना करने के बजाय विद्यार्थियों की आँखों में देखना चाहिये। देश के आने वाले कल की तस्वीर छात्र-छात्राओं की आँखों में दिखाई देती है। बाल मन गीली मिट्टी की भाँति होता है। रचनात्मक स्वरुप शिक्षक प्रदान करता है। विद्यार्थी देश की मुस्कान है। बाल दिवस छात्र छात्राओं के चहचहाने का खिलखिलाने का दिवस है।
उक्त उद्गार शासकीय माध्यमिक विद्यालय नलियाबाखल में आयोजित बालदिवस समारोह अवसर पर राष्ट्रपति अलंकरण से सम्मानित प्रधानाचार्य शैलेन्द्र व्यास (स्वामी मुस्कुराके) ने विद्यर्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर डॉज बाल, चेयर रेस, मेहँदी, रंगोली, डांस स्पर्धा का आयोजन किया गया। प्रतिभागियों को पुरुस्कृत किया गया। इस अवसर पर पुरुषोत्तम विष्णु, संजय अष्ठाना, लता शिंदे, निशा तिवारी, नजमा खान, सुरेशचंद्र जोशी आदि उपस्थित थे। संचालन वत्सला त्रिपाठी ने किया एवं आभार प्रियंका जोशी ने माना।