कार्तिक मास में महाकाल की पहली सवारी आज
Ujjain @ राजाधिराज महाकाल का श्रावण भादौ मास की तरह कार्तिक-अगहन मास में नगर भ्रमण होता है। पहली सवारी 12 नवंबर सोमवार को निकलेगी। कार्तिक-अगहन मास में इस बार पांच सवारियां निकलेंगी। कार्तिक मास की पहली सवारी में राजाधिराज महाकाल रजत पालकी में सवार होकर तीर्थ पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेंगे। कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी का रामघाट से मंदिर के लिए वापसी का मार्ग श्रावण-भादौ की सवारी से अलग होता है।
श्रावण-भादौ मास की सवारी महाकाल मंदिर से शुरू होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट पहुंचती है। पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिक चौक होते खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचती है। कार्तिक-अगहन मास में सवारी परंपरागत मार्ग से रामघाट पहुंचती, लेकिन रामघाट से वापसी में पूजन के बाद लौटते समय मार्ग परिवर्तित रहता है। रामघाट पर पूजन के बाद सवारी नदी के किनारे होते हुए गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: शाम को पालकी महाकाल मंदिर पहुंचेगी।