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जिले में एक भी सीट पर महिला को टिकट नहीं


ujjain @ विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने आधी आबादी की उपेक्षा की है। जिले की सभी सातों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है। दोनों दलों ने पुरुष उम्मीदवारों पर ही भरोया जताया है। इस पर मातृशक्ति में निराशा है। इस बार दोनों ही दलों की महिला नेत्रियों को उम्मीद थी कि पार्टी उन पर भरोसा जताएगी और टिकट देकर चुनाव लड़ाएगी। मगर ऐसा नहीं हुआ। इससे कांग्रेस नेत्री और पार्षद माया त्रिवेदी खासी नाराज हैं। उन्होंने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र से नाम निर्देशन पत्र तक जमा कर दिया है। इससे कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती की चिंता बढ़ी है।

निर्वाचन कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने अब तक तीन महिला नेत्रियों हंसाबेन पटेल, प्रीति भार्गव और कल्पना परुलेकर को चुनाव में प्रत्याशी बनाया है। हंसाबेन को तीन बार टिकट दिया है। एक बार वर्ष 1962 में उज्जैन दक्षिण से और दो बार वर्ष 1968 और 1969 में उज्जैन उत्तर से। वे उत्तर में लगातार हारी हैं पर दक्षिण में जीती हैं। इसके बाद पार्टी ने महिदपुर से कल्पना परुलेकर पर दांव खेला। पहला चुनाव 1993 का वे हार गईं, लेकिन 1998 और 2008 का चुनाव जीत गईं। चौथी बार 2013 में उन्हें फिर टिकट मिला, लेकिन पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े दिनेश जैन बोस उनके हिस्से के 50462 वोट ले गए और वे हार गईं। इसी दरमियान पार्टी ने उज्जैन दक्षिण से प्रीति भार्गव को दो बार चुनाव लड़ाया। पहला चुनाव 1998 का वे जीत गईं पर अगला चुनाव 2003 का हार गईं। दूसरी ओर भाजपा ने अब तक किसी भी सीट पर महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है।

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