जिले के समस्त शासकीय मन्दिर प्रांगणों में बिना अनुमति के पटाखे एवं आतिशबाजी पर रोक
उज्जैन । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अन्तर्गत पटाखों के उपयोग एवं उनके उपयोग के समय को निर्धारित किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना सभी संस्थाओं, मन्दिर के कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों अथवा मन्दिर से जुड़े समस्त व्यक्तियों के लिये बाध्यकारी है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने जिले के समस्त शासकीय मन्दिर प्रांगणों में बिना अनुमति के पटाखे एवं आतिशबाजी पर रोक लगाई है।
कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के तहत उज्जैन शहर में स्थित श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रांगण के साथ-साथ सम्पूर्ण जिले के शासकीय नियंत्रण के मन्दिरों के सम्बन्धित प्रशासक, प्रबंधक की बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति, पुजारी, पुरोहित मन्दिर प्रांगण में पटाखे, आतिशबाजी नहीं करेगा। श्री महाकालेश्वर मन्दिर के प्रशासक, सम्बन्धित शासकीय नियंत्रण के मन्दिर एवं सम्पूर्ण जिले के नागरिकों हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा पारित किये जाने वाले आदेशों में उल्लेखित व्यवस्था एवं समय रात्रि 8 बजे से 10 बजे के मध्य ही आतिशबाजी का उपयोग की अनुमति किसी भी व्यक्ति को मन्दिर के प्रांगण में करने हेतु प्रदान की जायेगी। बिना अनुमति के अगर कोई भी व्यक्ति शासकीय नियंत्रण के मन्दिरों में आतिशबाजी इस प्रकार से करता है कि उससे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होता है तो ऐसी परिस्थिति में आदेश का उल्लंघन मानकर सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय तथा उक्त आदेश के उल्लंघन स्वरूप सम्बन्धित थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने जिले के समस्त राजस्व अनुविभागीय दण्डाधिकारियों, नगर पुलिस अधीक्षकों, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, तहसीलदार, थाना प्रभारी उक्त आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।