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निर्वाचन व्यय में लगे अधिकारी-कर्मचारी गलती न करें, गलती होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध होगी निलम्बन की कार्यवाही


कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने सहायक व्यय प्रेक्षकों की बैठक ली

उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने मंगलवार  30 अक्टूबर को दोपहर बृहस्पति भवन में सहायक व्यय प्रेक्षकों आदि की बैठक लेकर निर्देश दिये कि निर्वाचन व्यय में सतर्कता से काम करें। गलती होने की रिपोर्ट मिलने पर सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी के निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी। निर्वाचन आयोग एवं जिला निर्वाचन कार्यालय के द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये। कलेक्टर ने विधानसभा क्षेत्रवार सहायक व्यय प्रेक्षकों से चर्चा कर उन्हें निर्देश दिये कि पार्टी एवं अभ्यर्थियों के द्वारा किये जाने वाले व्यय का हिसाब व्यवस्थित कर सम्बन्धित को भेजा जाये। एसएसटी, वीवीटी, एफएसटी, एमसीएमसी आदि के द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में निरन्तर चैकिंग की जाये। अवैध शराब, राशि आदि की धरपकड़ कड़ाई से की जाये।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि वीएसटी टीम निरन्तर वीडियोग्राफी की मदद से घटना की रिकॉर्डिंग वायस मोड में करे। सम्पूर्ण कार्यक्रम में प्रयुक्त वाहन, मंच, बैनर, फर्नीचर इत्यादि की संख्या इस प्रकार रिकार्ड हो कि व्यय का आंकलन सही हो सके। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शूटिंग के दौरान सब सामानों की मात्रा, वाहन, फर्नीचर, पांडाल की साईज आदि की वायस में रिकार्डिंग की जाना चाहिये। भाषण की भी सीडी तैयार करके साक्ष्य के रूप में रखी जाये। सहायक व्यय प्रेक्षक अपने-अपने क्षेत्र में किसी संवेदनशील घटना या बड़ी रैली के समय व्यक्तिगत रूप से वीडियोग्राफी का सुपरविजन करेंगे। किसी दिन अधिक रैली होने पर एक से अधिक वीडियो टीम का इंतजाम करें। संवेदनशील क्षेत्रों का निर्धारण होने पर विशेष निगरानी रखी जाये। व्यय से सम्बन्धित मामलों और आदर्श आचार संहिता से सम्बन्धित मामलों की पहचान करें और घटना के सम्पूर्ण विवरण का साक्ष्य के रूप में उपयोग करने के लिये सीडी तैयार करवाई जाये। कलेक्टर ने सहायक व्यय प्रेक्षकों को निर्देश दिये कि अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय से सम्बन्धित सभी शिकायतों एवं प्रतिवेदनों को गंभीरता से लिया जाये। व्यय रजिस्टर के साथ ही छाया प्रेक्षण रजिस्टर तथा फोल्डर ऑफ एवीडेंस का अनुवीक्षण भी किया जाये। यदि जांच में कोई मद छिपाया गया है या कम दर्शाया है तो वह इसे साक्ष्य सहित व्यय प्रेक्षक के संज्ञान में लायें। सहायक व्यय प्रेक्षक का यह दायित्व होगा कि वह यह सुनिश्चित करे कि व्यय अनुवीक्षण से जुड़े जितने भी दल हैं, उनके द्वारा सभी अभ्यर्थियों के व्यय से सम्बन्धित प्रतिवेदन का अनुवीक्षण हो रहा है या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग की जाये।

कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि निर्वाचन व्यय के अनुवीक्षण से सम्बन्धित मुख्य वैधानिक प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये। उन्होंने बताया कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-10क के अन्तर्गत निर्धारित समय-सीमा में निर्वाचन व्यय का सही लेखा प्रस्तुत करने में अभ्यर्थी या पार्टी यदि असफल रहती है तो उसे 3 वर्ष तक निर्वाचन के लिये अयोग्य किया जायेगा। इसी तरह लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-77(1) के अन्तर्गत विधानसभा निर्वाचन के प्रत्येक अभ्यर्थी के लिये यह अनिवार्य है कि जिस तिथि को उसका नाम निर्देशन हुआ है उस तिथि से लेकर परिणाम घोषित किये जाने की तिथि तक उसके या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा प्राधिकृत निर्वाचन से जुड़े सभी खर्चों का पृथक और सही लेखा रखा जाये। इसी अधिनियम की धारा-78 के अन्तर्गत प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि से 30 दिन के अन्दर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास निर्वाचन व्यय की विवरणी समर्पित करना होगी।

कलेक्टर ने वीडियो निगरानी टीम, उड़नदस्ता, एसएसटी, एमसीएमसी आदि की भी समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर ने सहायक व्यय प्रेक्षकों को निर्देश दिये कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों से नामांकन की तारीख से निर्वाचन व्ययों का रख-रखाव करने तथा निर्वाचन व्ययों की अपनी विवरणियां विधि द्वारा अपेक्षित रीति से और समय के भीतर दाखिल करने से सम्बन्धित अपेक्षाओं को अनुपालन करवाया जाना सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में अभ्यर्थियों को ध्यान में लाने के लिये लिखित में विधि के उपयुक्त उपबंधों के अन्तर्गत उपलब्ध कराया जाये। अभ्यर्थियों को चुनाव व्यय का हिसाब रखने के लिये आयोग द्वारा रजिस्टर का प्रारूप बनाया गया है। उसी के अन्तर्गत कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों का पृथक से बैंक खाता खुलवाया जाये। यह खाता उस तारीख, जिसको अभ्यर्थी अपना नामांकन-पत्र दाखिल करता है, से कम से कम 1 दिन पूर्व खोला जाये। बैंक खाते की खाता संख्या अपने नामांकन दाखिल करने के समय अभ्यर्थी द्वारा लिखित में रिटर्निंग आफिसर को दी जाये। निर्वाचन व्यय केवल इसी नवीन बैंक खाते से किया जायेगा। निर्वाचन सम्बन्धी प्रचार पर खर्च की जाने वाली राशि धनराशि का अभ्यर्थी की स्वयं की निधि सहित किसी अन्य स्त्रोत से इसके वित्त पोषण को ध्यान में न लेते हुए बैंक खाते में जमा की जायेगी।

बैठक में निर्देश दिये गये कि सहायक व्यय प्रेक्षक एवं इनकी टीम के सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग आफिसर के कार्यालयों में बैठना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने सम्बन्धित सहायक रिटर्निंग आफिसरों को दूरभाष पर निर्देश दिये कि इनके लिये पृथक से बैठने की व्यवस्था कर इनके द्वारा प्रतिदिन किये जाने वाले कामों की मॉनीटरिंग अनिवार्य रूप से की जाये। जो अधिकारी-कर्मचारी अपने दायित्वों के निर्वहन करने में लापरवाही बरतें, उनके विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही की जाये। बैठक में अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपी वर्मा, कोष एवं लेखा के संयुक्त संचालक श्री जेएस भदौरिया सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

 

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