कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने नाम निर्देशन के सम्बन्ध में रिटर्निंग आफिसरों को दिशा-निर्देश जारी किये
उज्जैन । विधानसभा निर्वाचन के सन्दर्भ में नाम निर्देशन पत्र के सम्बन्ध में लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के भाग-5 निर्वाचनों का संचालन, निर्वाचनों का संचालन नियम-1961 का भाग-2 एवं रिटर्निंग आफिसरों के लिये नाम निर्देशन का भलीभांति अध्ययन करने के निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने जिले की समस्त सातों विधानसभा के रिटर्निंग आफिसरों को दिये हैं। कलेक्टर ने रिटर्निंग आफिसरों को कहा है कि आयोग के निहित निर्देश अनुसार नामांकन पत्र उसी स्थान पर प्राप्त किये जायें, जिस स्थान को प्रारूप-1 में अधिसूचित किया है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने इस सम्बन्ध में बुधवार 24 अक्टूबर की शाम को समस्त रिटर्निंग आफिसरों की बैठक लेकर नाम निर्देशन से सम्बन्धित आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों में नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने हेतु सहायक रिटर्निंग आफिसर को अधिकृत किया गया है। उन्हें निर्देश दें कि प्रतिदिन जितने नाम निर्देशन पत्र प्राप्त हों, उन सभी नाम निर्देशन पत्रों को उसी दिन रिटर्निंग आफिसरों को प्रेषित करें। कार्यालय में पर्याप्त मात्रा में कोरे नामांकन पत्र व कोरे शपथ पत्र के प्रारूप रखे जायें। यदि कोई अभ्यर्थी या उसका प्रस्थापक चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिनांक से सार्वजनिक अवकाश का दिन छोड़कर नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के अन्तिम दिन तक प्रात: 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक अभ्यर्थी अपना नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करता है तो स्वीकार करना चाहिये।
नाम निर्देशन पत्र निर्धारित समय में ही लेने का अधिकार
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने रिटर्निंग आफिसरों को निर्देश दिये हैं कि अभ्यर्थी को स्पष्ट बताना चाहिये कि निर्धारित समय के बाद न तो नाम निर्देशन प्रस्तुत करने का और न ही रिटर्निंग आफिसर को लेने का अधिकार है। नाम निर्देशन पत्र केवल निर्धारित समय में ही प्रस्तुत किये जायें। अपराह्न 3 बजे तक जो उम्मीदवार रिटर्निंग आफिसर के कक्ष में उपस्थित हो जाते हैं, उन्हीं से नामांकन लिया जाये। इस सन्दर्भ में 3 बजे के पूर्व रिटर्निंग आफिसर के कार्यालय के बाहर खड़े समस्त अभ्यर्थियों को अपने कक्ष में बुला लें एवं ठीक 3 बजे कक्ष का दरवाजा बन्द कर दें तथा उपस्थित अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करें। नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने की कार्यवाही की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाये, इसका पूरा ध्यान रखा जाये। वीडियोग्राफर को प्रशिक्षण के दौरान यह जानकारी दी जाये कि वीडियोग्राफी के दौरान कैमरे की पोजिशन इस प्रकार रखी जाये कि एक ही फ्रेम में घड़ी, दरवाजा एवं नामांकन की प्रक्रिया दिखाई दे।
अभ्यर्थी 4 से अधिक नाम निर्देशन प्रस्तुत करे तो उसे स्वीकार नहीं करना चाहिये
कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि कोई अभ्यर्थी 4 से अधिक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करे तो उसे स्वीकार नहीं करना चाहिये। तकनीकी आधार एवं दस्तावेजी साक्ष्य के अभाव में नाम निर्देशन पत्रों को निरस्त किये जाने की संभावनाओं को कम करने के लिये नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करते समय अभ्यर्थियों द्वारा की गई त्रुटियों की पूर्ति करा लेना चाहिये। कलेक्टर ने रिटर्निंग आफिसरों को सख्त निर्देश दिये हैं कि वे आयोग के निर्देश व नियम अनिवार्य रूप से अध्ययन कर उनका पालन किया जाना सुनिश्चित करें। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वारा खड़े किये गये अभ्यर्थी द्वारा 1 प्रस्थापक तथा गैर-मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों एवं निर्दलीय अभ्यर्थियों द्वारा 10 प्रस्थापकों के हस्ताक्षर नाम निर्देशन पत्र पर लिया जाना आवश्यक है। एक प्रस्थापक 1 से अधिक अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्रों पर हस्ताक्षर कर सकता है। कोई नाम निर्देशन पत्र केवल इस कारण से निरस्त नहीं किया जा सकता कि प्रस्थापक ने 1 से अधिक नाम निर्देशन पत्रों पर हस्ताक्षर किये हैं।
नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के बाद अभ्यर्थी को शपथ लेना होगी
विधानसभा निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को संविधान के अनुच्छेद 84(क) व 173(क) के अन्तर्गत शपथ अथवा प्रतिज्ञान लेना अनिवार्य है। नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के बाद अभ्यर्थी को रिटर्निंग आफिसर के समक्ष शपथ लेनी होगी और उस पर हस्ताक्षर करना होगा, क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है। अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात एवं नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा के लिये निर्धारित तिथि के पूर्व शपथ ली जा सकती है।
आपराधिक प्रकरण वाले अभ्यर्थी के रिकार्ड का विवरण
अधिक प्रसार संख्या वाले समाचार-पत्रों में प्रकाशित कराना होगा
नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रत्येक अभ्यर्थी को उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि, परिसम्पत्तियों, देनदारियों और शैक्षणिक योग्यता के बारे में आयोग के निर्देश अनुसार प्रेषित फार्म-26 में शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। शपथ पत्र में अतिरिक्त शपथ पत्र की जानकारी आइटम 8 के अन्तर्गत शामिल कर दी गई है। अतिरिक्त शपथ पत्र पृथक से लेने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक अभ्यर्थी जिनके विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण लम्बित है अथवा जिसे दोषसिद्ध घोषित किया गया है, वे अपने आपराधिक रिकार्ड के विवरण का व्यापक प्रचार पत्र के संलग्न फार्मेट सी-1 में ऐसे समाचार-पत्र जो सम्बन्धित विधानसभा क्षेत्र में अधिक प्रसार संख्या वाले हैं, में कम से कम 3 विभिन्न दिनांकों को प्रकाशित कराना होगा। यह प्रकाशन नाम वापसी की अन्तिम तिथि के दूसरे दिन से मतदान तिथि के 2 दिन पूर्व के मध्य होगी। इस सम्बन्ध का विवरण कम से कम फोन्ट साईज 12 में तथा व्यापक प्रचार-प्रसार की दृष्टि से समाचार-पत्र में उचित स्थान में प्रकाशित करायें। इसी प्रकार आपराधिक प्रकरणों वाले ऐसे समस्त अभ्यर्थी यह जानकारी टीवी चैनल पर 3 भिन्न-भिन्न दिनांकों को प्रसारित करायेंगे। टीवी चैनल के मामले में यह घोषणा मतदान समाप्त होने की तिथि से 48 घंटे पूर्व की अवधि के पूर्व पूर्ण हो जाना चाहिये। आपराधिक प्रकरणों वाले ऐसे समस्त अभ्यर्थियों को रिटर्निंग आफिसर फार्मेट सी-3 में आपराधिक प्रकरणों सम्बन्धी घोषणा हेतु 1 स्मरण पत्र जारी करेंगे। अभ्यर्थी ऐसी घोषणाओं से युक्त समाचार पत्रों की प्रतियां अपने निर्वाचन व्यय लेखे के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। अपने आपराधिक प्रकरणों के सम्बन्ध में अपनी पार्टी को भी अवगत कराने के लिये इस प्रकार की घोषणा करना होगी।