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चांद बरसाएगा अमृत की बूंदें, मनेगा शरदोत्सव


ujjain @ चंद्रमा की दूधिया रोशनी के साथ अमृत की बूंदें भी छलकेंगी। खीर की भीनी खुशबू से देवालय महकेंगे। गुरुवार को शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में पूजन-आरती के बाद भगवान को महाभोग लगाकर रात को प्रसादी वितरित की जाएगी। कई जगह हवन, गरबा तथा अन्य धार्मिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी।

शरद पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी। साल में 12 पूर्णिमा होती हैं, लेकिन शरद पूर्णिमा को खास माना गया है। धर्मशास्त्र के अनुसार इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। वह अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि चंद्रमा का ओज सबसे तेजवान एवं ऊर्जावान होता है। साथ ही शीत ऋ तु का प्रारंभ भी होता है। पूर्णिमा की रात दूध और चावल की खीर तैयार की जाती है। चंद्रमा तत्व एवं दूध पदार्थ समान ऊर्जा वाले तत्व होने के कारण दूध चन्द्रमा की किरणों को अवशोषित कर लेता है। मान्यतानुसार उसमें अमृत वर्षा हो जाती है और खीर को खाकर अमृतपान का संस्कार पूर्ण माना जाता है।

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