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निर्वाचन प्रशिक्षण में विलम्ब से आने वाले, पीठासीन अधिकारियों को एससीएन जारी


 

निर्वाचन में हर छोटी से छोटी बात को भी नजरअंदाज न किया जाये –कलेक्टर

पीठासीन अधिकारियों का प्रथम प्रशिक्षण आयोजित

    उज्जैन। सोमवार को देवास रोड स्थित स्वामी विवेकानन्द इंजीनियरिंग महाविद्यालय विक्रम विश्वविद्यालय में विधानसभा निर्वाचन-2018 के अन्तर्गत पीठासीन अधिकारियों का प्रथम चरण का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में पीठासीन अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा निर्वाचन से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों, विधि-विधायी और ईवीएम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

    प्रशिक्षण में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक डॉ.संदीप नाडकर्णी बतौर मुख्य समन्वयक मौजूद थे। महाविद्यालय के विभिन्न कक्षों में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा पीठासीन अधिकारियों को मतदान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और विभिन्न बारिकियों से अवगत कराया गया। प्रत्येक कक्ष में 2 मास्टर ट्रेनर्स मौजूद थे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह और नोडल अधिकारी स्वीप श्री संदीप जीआर ने प्रत्येक कक्ष का अवलोकन किया और मास्टर ट्रेनर्स को निर्देश दिये कि निर्वाचन से जुड़ी हर छोटी से छोटी बात भी पीठासीन अधिकारियों को विस्तार से बताई जाये। किसी भी मुद्दे को नजरअन्दाज नहीं किया जाये, अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होगी।

    जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिये कि मतदान के दिन केन्द्र पर किसी भी तरह की गलती न हो, यह सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण के दौरान पीठासीन अधिकारी (विशेष रूप से ऐसे अधिकारी जिनकी पहली बार चुनाव में ड्यूटी लगी है) मन में किसी भी तरह की शंका होने पर तत्काल मास्टर ट्रेनर्स से शंका का समाधान करें। प्रशिक्षण के दौरान सवाल-जवाब का सिलसिला भी जारी रखा जाये। अधिकारियों के मन में उठने वाली विभिन्न आशंकाओं का हल मास्टर ट्रेनर्स अनिवार्य रूप से करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अच्छे माहौल में आयोजित होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आने वाले विभिन्न चरण भी इसी तरह के माहौल में आयोजित किये जायें।

    प्रशिक्षण में जिन पीठासीन अधिकारियों की पहली बार इलेक्शन में ड्यूटी लगी है, उनकी जानकारी ली गई। मास्टर ट्रेनर्स द्वारा चुनाव सामग्री मिलने के दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मतदान के 1 दिवस पूर्व अपनी ओर से सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जायें। मतदान सामग्री को 3 भागों में बांटे जाने के निर्देश दिये गये। मॉकपोल के समय, मतदान के दौरान और मतदान के बाद प्रयोग में आने वाली सामग्री को पहले से विभाजित करने के लिये कहा गया। पीठासीन अधिकारी अपने-अपने मतदान केन्द्र और उसके आसपास के 100 मीटर के दायरे का अवलोकन करें। मतदान केन्द्र की व्यवस्थाएं देखें। मतदान के दौरान गोपनीयता बनी रहे, इस बात का विशेष ध्यान रखें।

    मतदान के दिन प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पूर्व 1 घंटा पहले अपने-अपने केन्द्रों में अनिवार्य रूप से मॉकपोल करवायें। मतदान अभिकर्ताओं को मतदान के दिन सुबह केन्द्र पर जल्दी बुलवाया जाये, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो। मतदान केन्द्र पर अधिकारियों की बैठक व्यवस्था के बारे में भी मास्टर ट्रेनर्स को जानकारी दी गई। बताया गया कि बैठक व्यवस्था के अन्तर्गत पीठासीन अधिकारी मतदान अभिकर्ता क्रमांक-3 के ठीक सामने बैठेंगे। केन्द्र पर टेबल, कुर्सी व अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से करने के निर्देश दिये गये। यदि मतदान दल का कोई सदस्य स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी समस्या से पीड़ित है तो उसकी जानकारी तुरन्त सेक्टर मजिस्ट्रेट को दिये जाने के लिये कहा गया।

    प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि मतदान केन्द्र पर दिव्यांगजनों के लिये व्हील चेयर उपलब्ध रहेगी। मतदान के दिन केन्द्र पर किसी भी तरह का मोबाइल और कैमरा लाने की अनुमति नहीं होगी। अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा वीडियोग्राफी की जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। मतदाता अभिकर्ताओं के मोबाइल फोन भी केन्द्र के बाहर ही रहेंगे।

    मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों से कहा कि वे उन्हें दी जाने वाली ईवीएम को प्राप्त करने के पहले उसकी भलीभांति जांच कर लें। यह सुनिश्चित कर लें कि ईवीएम उसी मतदान केन्द्र की है, अन्यथा तुरन्त वापस कर दें। मतदान केन्द्र का क्रमांक ईवीएम पर लगा रहे। कंट्रोल यूनिट में भी ऊपर का भाग सीलबन्द होगा।

    प्रशिक्षण के दौरान डॉ.संदीप नाडकर्णी ने जानकारी दी कि जिला निर्वाचन कार्यालय उज्जैन द्वारा निर्वाचन के दौरान मतदान केन्द्रों की विधि-विधायी और ईवीएम से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर आधारित 1 वीडियो क्लिप बनाई गई है, जो यूट्यूब पर अपलोड की गई है। यूट्यूब पर हिन्दी में जिला निर्वाचन कार्यालय उज्जैन और अंग्रेजी में डॉ.संदीप नाडकर्णी टाईप करने पर वीडियो की लिंक मिल जायेगी।

    प्रशिक्षण में पीठासीन अधिकारियों को मतदान के दिन उपयोग में आने वाले प्रपत्र और प्रारूप के बारे में भी विस्तार से बताया गया। मतदान केन्द्र पर ईवीएम किसी खिड़की के पास न हो और पुरूष और महिलाओं की केन्द्र के बाहर अलग-अलग पंक्तियां हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये।

    इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की हेंडलिंग के बारे में भी पीठासीन अधिकारियों को प्रशिक्षण में बताया गया। ईवीएम में लगने वाली स्पेशल टैग, ग्रीन पेपर, ईवीएम के 3 भाग, कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपेट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि मॉकपोल के बाद वीवीपेट के ड्रॉपबॉक्स की सील लगाना न भूलें। जब वीवीपेट 1 स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जा रही हो, तो वह हॉरीझोंटल मोड में रहेगी और मॉकपोल के दौरान तथा मतदान के दौरान वीवीपेट वर्टिकल मोड पर रहेगी। मतदान समाप्त हो जाने के बाद वीवीपेट को तुरन्त हॉरिझोन्टल मोड पर करना होगा।

    प्रशिक्षण में बताया गया कि रिहर्सल के दौरान वीवीपेट से 1 बार चालू करने के बाद 7 पर्चियां गिरेंगी। वीवीपेट में लगे पेपर रोल से लगभग 1500 पर्चियां गिरेंगी। पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जो बैलेट यूनिट उन्हें दी जा रही है, उस पर क्रमांक-1 अनिवार्य रूप से लिखा हो। क्रमांक-1 का अर्थ होता है कि मतदान केवल 1 बार करवाना है। अधिकारियों को मशीनों को आपस में कनेक्ट करने के बारे में भी जानकारी दी गई। बैलेट यूनिट को केबल वायर द्वारा वीवीपेट से जोड़ने और वीवीपेट को कंट्रोल यूनिट से जोड़ने के बारे में बताया गया। समस्त पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि बतौर टीमवर्क वे कार्य करें और निष्पक्ष मतदान कराने में अपनी शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करें।

 

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