शास्त्री नगर मैदान पर 121 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन
ujjain @ शास्त्रीनगर मैदान में 121 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन हुआ। इसके पहले आतिशबाजी की शुरुआत हो गई । रावण के पुतले पर एक ओर से इलेक्ट्रॉनिक तीर तो दूसरी ओर से हवा में हनुमान ने 12 बार हमले किए। जैसे ही तीर दशानन की गर्दन पर पहुंचता, गले से नीचे उसका पूरा शरीर दो भागों में बंट जाता। कुछ देर बाद फिर जुड़ जाता।
राम-लक्ष्मण ने रिमोट से रावण के पुतले को जलाया। आतिशबाजी के लिए 16 पाइप पर अलग-अलग आकृतियां बनाई थी। इनमें ऊं, शिवालय, त्रिकोण, चकरी, सीढ़ियां, आसमान से बहता झरना, चांद-सूरज, झिलमिलाते तारों के साथ महात्मा गांधीजी के चश्मे की आकृति भी थी। पुतले के सामने बैठने के लिए एक हजार कुर्सियों की व्यवस्था थी। साथ ही दो मंच बनाए थे। एक पर राम-लक्ष्मण और हनुमान विराजमान थे तो दूसरे पर बालयोगी उमेशनाथजी महाराज, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, अनंतनारायण मीणा, नुपूर रंजन, राजेश शर्मा मौजूद थे। मंच से भजनों की प्रस्तुति हुई ज्वलंत शर्मा और समूह ने राम-रावण युद्ध, रामायण, राम स्तुति के साथ हनुमान के गुणगान किए। आयोजक जयसिंह दरबार, विजयसिंह दरबार के अनुसार सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति की अगुवाई में यह आयोजन का 39वां साल था।