2 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटकर शासकीय कोषालय में जमा करना आवश्यक
उज्जैन । संयुक्त आयुक्त वाणिज्यिक कर डॉ.गोपाल पोरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हो चुका है तथा एक अनुबंध के तहत 2.50 लाख से अधिक की कर योग्य वस्तु या सेवा प्राप्त कर किये जाने वाले भुगतान पर शासकीय विभाग, उपक्रम तथा स्थानीय निकाय को 2 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटकर शासकीय कोषालय में जमा करना आवश्यक है। टीडीएस काटकर जमा कराने का दायित्व सम्बन्धित विभाग के आहरण एवं संवितरण अधिकारी का है। यदि आहरण एवं संवितरण अधिकारी टीडीएस का कटौत्रा नहीं करते हैं, कम करते हैं या कटौत्रा करने के बाद काटी गई राशि जमा नहीं करते हैं तो आहरण एवं संवितरण अधिकारी पर ब्याज एवं पैनल्टी लगाने का प्रावधान विधान में है।
संयुक्त आयुक्त वाणिज्यिक कर डॉ.पोरवाल ने बताया कि एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 51 के अन्तर्गत केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के विभाग, एजेन्सी, स्थानीय निकाय एवं शासन द्वारा अधिसूचित व्यक्तियों एवं संस्थाओं को अनुबंध के अन्तर्गत ढाई लाख से अधिक की कर-योग्य वस्तु एवं सेवाओं की प्राप्ति के बदले किये जाने वाले भुगतान पर 1 अक्टूबर से 2 प्रतिशत जीएसटी का टीडीएस कर शासकीय कोषालय में जमा कराने का प्रावधान आया है। सम्बन्धित आहरण एवं संवितरण अधिकारी 1 अक्टूबर 2017 के पश्चात किये जाने वाले भुगतान पर जीएसटी का कटौत्रा कर भुगतान किये जाने वाले माह के अगले 10 दिन में कटौत्रा राशि जमा कर जीएसटी रिटर्न प्रस्तुत करें। जीएसटी जमा करने के 5 दिन के अन्दर जिस व्यक्ति एवं संस्था का जीएसटी काटा गया है, उसे टीडीएस प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि जीएसटी की राशि नहीं काटने या कम काटने पर, नहीं काटी गई राशि या कम काटी गई राशि के बराबर सम्बन्धित आहरण एवं संवितरण अधिकारी पर पैनल्टी लगाने का प्रावधान लागू किया गया है। काटी गई राशि समय पर जमा नहीं कराने पर 1.5 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज भी निरूपित होगा, इसलिये समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारी अपने-अपने विभाग का जीएसटी पंजीयन प्रमाण-पत्र प्राप्त करें और 1 अक्टूबर 2017 के बाद किसी भी कर-योग्य वस्तु एवं सेवा के सप्लाई का भुगतान करते समय टीडीएस अनिवार्य रूप से करें। अधिक जानकारी के लिये अधिकारी वाणिज्यिक कर कार्यालय भरतपुरी एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण स्थित संभागीय कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं। विभागीय वेब साइट www.mptax.mp.gov.in पर भी प्रावधान देखे जा सकते हैं।