किसी अभ्यर्थी की स्वीकृति के बिना सोशल मीडिया पर उसका प्रचार करने पर की जायेगी दण्डात्मक कार्यवाही
उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि टेलीकॉम कंपनियों को निर्वाचन के दौरान बल्क एसएमएस भेजने के पूर्व एमसीएमसी से अनुमति लेना अनिवार्य होगी। अनुमति नहीं लेने पर सम्बन्धित कंपनी के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। किसी भी अभ्यर्थी की स्वीकृति के बिना सोशल मीडिया पर उसका प्रचार करने पर होगी दण्डात्मक कार्यवाही।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन प्रसारित करने के पूर्व प्रीसर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य होगा। किसी अभ्यर्थी की लिखित अनुमति के बिना यदि सोशल मीडिया पर उसका प्रचार-प्रसार किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा है, तो सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। अभ्यर्थी यदि किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि धार्मिक कार्यक्रम के मंच से किसी भी तरह का राजनैतिक प्रचार-प्रसार नहीं किया जाये, अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध आयोग के निर्देशानुसार कार्यवाही की जायेगी। किसी अभ्यर्थी द्वारा स्थानीय चैनल को यदि बाईट दी जा रही है तो उसकी भी निगरानी की जा रही है। बाईट के दौरान शब्दों पर निर्भर करेगा कि आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।
पेड न्यूज
पेड न्यूज को प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा परिभाषित करते हुए बताया है कि ऐसा समाचार या विश्लेषण जो प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पैसे देकर या वस्तु देकर छपवाया या प्रदर्शित किया गया हो, को पेड न्यूज माना जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने कहा है कि पेड न्यूज को लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत निर्वाचन अपराध के रुप में दर्ज किया जाएगा। पेड न्यूज को रोकने के लिए वर्तमान तंत्र के माध्यम से पेड न्यूज छपवाने के व्यय की गणना कर उसे संबंधित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। आमजन को पेड न्यूज के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जा रही है तथा सभी स्टेक होल्डर, राजनैतिक दलों एवं मीडिया को इसके बारे में अवगत कराया जा रहा है।
जिला स्तरीय एमसीएमसी का दायित्व
जिला स्तरीय एमसीएमसी द्वारा प्रिंट मीडिया/ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित/ प्रसारित होने वाली पेड न्यूज का चिन्हांकन कर उक्त पेड न्यूज के व्यय की गणना डी.ए.वी.पी./ डी.पी.आर दरों के आधार पर की जाकर मूल्य निर्धारण किया जाएगा। पेड न्यूज का मूल्य संबंधित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ने हेतु संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा जाएगा। इस नोटिस की एक प्रति व्यय प्रेक्षक को भी भेजी जाएगी। जिला स्तरीय एमसीएमसी के पत्र के आधार पर संबंधित रिटर्निंग अधिकारी पेड न्यूज के प्रकाशन अथवा प्रसारण के 96 घंटे के भीतर संबंधित उम्मीदवार को इस आशय का नोटिस जारी करेगा कि क्यों न उक्त न्यूज को पेड न्यूज स्वीकार करते हुए उसकी गणना की गई राशि उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ी जाए। उम्मीदवार अथवा पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा दिए गए जवाब पर एमसीएमसी अपने अंतिम निर्णय से उम्मीदवार को अवगत कराएगी।
जवाब प्रस्तुत न करने की दशा में कमेटी का निर्णय अन्तिम होगा
ऐसे प्रकरणों में जिसमें उम्मीदवार नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के बाद भी यदि जवाब प्रस्तुत नहीं करता है तो एमसीएमसी का निर्णय अंतिम माना जाएगा। जिला स्तरीय एमसीएमसी का निर्णय यदि उम्मीदवार को अमान्य हो तो वह 48 घंटे के भीतर राज्य स्तरीय एमसीएमसी को अपील कर सकेगा। इसकी सूचना उम्मीदवार द्वारा जिला स्तरीय एमसीएमसी को देना होगी। उम्मीदवार अथवा पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा दिए गए जवाब पर एमसीएमसी अपने अंतिम निर्णय से उम्मीदवार को अवगत कराएगी। ऐसे प्रकरणों में जिसमें उम्मीदवार नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के बाद भी यदि जवाब प्रस्तुत नहीं करता है तो एमसीएमसी का निर्णय अंतिम माना जाएगा।
प्रमाणीकरण
किसी भी राजनैतिक दल द्वारा निर्वाचन के दौरान राजनैतिक प्रकृति के विज्ञापनों का दूरदर्शन, निजी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर जारी करने के पूर्व उनका प्रमाणीकरण जिला स्तरीय एमसीएमसी में करवाना अनिवार्य होगा।
सोशल मीडिया के लिए प्री सर्टिफिकेशन
सोशल मीडिया वेबसाइट्स जिनको कि आयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में परिभाषित किया है, पर भी मीडिया सर्टिफिकेशन का नियम लागू होगा। सोशल मीडिया में जारी होने वाले विज्ञापनों का भी प्री सर्टिफिकेशन आवश्यक है। प्रत्येक निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवार को नामांकन भरने के समय सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी होगी।
सोशल मीडिया के प्रकार
सोशल मीडिया के अन्तर्गत कोलेबरेटिव प्रोजेक्टस (उदा. विकीपीडिया), ब्लाग्स एवं माइक्रो ब्लाग्स (टिवटर आदि), सोशल नेटवर्किंग साईट्स (फेसबुक आदि), वर्चुअल गेम्स (एप्स आदि) शामिल हैं।
मीडिया सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन की समय सीमा
चुनाव आयोग में पंजीकृत राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पार्टी के उम्मीदवार विज्ञापन जारी करने के तीन दिवस पूर्व एवम अपंजीकृत राजनौतिक दल के उम्मीदवार 7 दिन पूर्व अपना आवेदन एमसीएमसी को प्रस्तुत करेंगे। आवेदन के साथ प्रस्तावित विज्ञापन की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी (02 प्रति) के साथ ट्रांस स्क्रिप्ट (02 प्रति), विज्ञापन निर्माण में किया गया व्यय, विज्ञापन टेलीकास्ट करने में लगने वाले अनुमानित व्यय का ब्यौरा, विज्ञापन कितनी बार टेलीकास्ट होगा आदि का विवरण प्रस्तुत करेंगे।
एमसीएमसी के अन्य कर्तव्य
एमसीएमसी के अन्य कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई कि यह समिति सभी प्रकार के विज्ञापनों की छानबीन करेगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आने वाले विज्ञापनों का सर्टिफिकेशन करवाया गया है या नहीं। इसी के साथ समिति द्वारा मीडिया में जारी होने वाले राजनीतिक प्रकृति के अन्य विज्ञापनों की मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रिंट मीडिया में जारी होने वाले उम्मीदवारों के विज्ञापनों की छानबीन एवं उस पर किए गए व्यय की राशि की गणना कर उसे निर्वाचन व्यय में जुड़वाने का कार्य करेगी। प्रिंट मीडिया में यदि विज्ञापन छपता है और बिना उम्मीदवार की सहमति के छापा जाता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 171 एच के तहत कार्रवाई करेगी। सभी प्रकार के इलेक्शन पंपलेट, हैंडबिल एवं अन्य विवरणिका पर प्रकाशक एवं मुद्रक के नाम एवं सामग्री की संख्या के विवरण की जांच लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127ए के तहत करेगी।
एमसीएमसी के अधिकार
जिला स्तरीय एमसीएमसी विज्ञापनों के प्रमाणीकरण करने से इस आधार पर इंकार कर सकती है कि वह प्रसारण योग्य नहीं है। जिला स्तरीय एमसीएमसी के फैसले के विरुद्ध राज्यस्तरीय एमसीएमसी में संबंधित उम्मीदवार द्वारा अपील की जा सकेगी। राज्य स्तरीय एमसीएमसी का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 13 अप्रैल 2004 के निर्णय अंतर्गत बंधनकारी होगा।