जीका वायरस का संक्रमण समस्त आयु वर्ग के लोगों में हो सकता है, इससे रहें सावधान
उज्जैन । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय ने जानकारी दी कि वर्तमान में पड़ौसी राज्य राजस्थान में जीका वायरस के 29 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जीका वायरस के संक्रमण से नवजात बच्चों में माइक्रोकेफेली और तंत्रिका सम्बन्धी रोग के लक्षण प्रकट होते हैं। जीका वायरस रोग एक वायरल रोग है। ये संमित एजिड एजिप्टाई मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है।
जीका वायरस बीमारी का संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से, संक्रमित रक्त से, संक्रमित गर्भवती महिला से गर्भस्थ शिशु को एवं संक्रमित रोगी से समस्त आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है, अत: इससे सावधान रहें। इसका उद्भवकाल 2 से 7 दिनों का होता है। जीका वायरस प्रभावित क्षेत्र से आये लोगों में यह बीमारी 15 दिवस तक की अवधि में पाई जाने की संभावना हो सकती है।
जीका वायरस रोग के मुख्य लक्षण
जीका वायरस रोग के मुख्य लक्षण हैं मरीज के शरीर पर चकते आना, बुखार होना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बैचेनी होना और आंखें लाल होना। यदि उक्त लक्षण प्रकट हो रहे हैं तो आमजन से अपील है कि तत्काल जिला चिकित्सालय में जाकर जांच और उपचार करायें। शासकीय चिकित्सालयों में यह पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध है।
बचाव के उपाय
सीएमएचओ ने जानकारी दी कि कुछ उपाय कर इस रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है जैसे कि यदि आवश्यक न हो तो प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा न करें, विशेष तौर पर गर्भवती महिलाएं। एडीज मच्छर दिन के समय काटता है, इसीलिये पूरे बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का उपयोग करें। इलेक्ट्रॉनिक मॉस्किटो रिपेलेंट, क्रीम आदि का उपयोग करें। फेफड़े, हृदय, लीवर, गुर्दा, मधुमेह, कैंसर आदि लम्बी बीमारियों वाले यात्रियों को यात्रा पर जाने से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये।