शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय सम्पत्ति पर उनके स्वरूप को विकृत करना सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध
उज्जैन । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन-2018 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। इसके अन्तर्गत निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों एवं उनकी सम्बन्धित पार्टियों के द्वारा शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय भवनों पर नारे लिखना, पोस्टर, बैनर व फ्लेक्स लगाना या चस्पा करना, विद्युत तथा टेलीफोन के खंबों तथा रोड के आसपास चुनाव प्रचार सामग्री प्रदर्शित कर सम्पत्ति के स्वरूप को विकृत करने की कार्यवाही करने पर मध्य प्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के अन्तर्गत विरूपित करेगा उसे जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।
निर्वाचन आयोग द्वारा सम्पत्ति विरूपण पर नियमन, नियंत्रण एवं कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके सम्बन्ध में आयोग द्वारा पूर्व में निर्वाचन सम्बन्धी बैठकों में सक्षम प्राधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है। विधानसभा निर्वाचन के दौरान उक्त विरोधाभासी स्थिति निर्मित न हो तथा निर्वाचन की प्रक्रिया निष्पक्ष, निर्विघ्न और सुचारू रूप से सम्पन्न हो, इस दृष्टि से मध्य प्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने इस सम्बन्ध में निर्देश जारी किये हैं। जारी आदेश के तहत चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी राजनैतिक दल चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों अथवा किसी भी व्यक्ति, समूह, संगठन द्वारा किसी भी शासकीय, अशासकीय, अर्द्धशासकीय भवन तथा शासकीय भूमि पर स्थित पेड़-पौधों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखना, पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स लगाना या चस्पा करना, विद्युत तथा टेलीफोन के खंबों, टॉवरों पर किसी प्रकार की प्रचार सामग्री प्रदर्शित करना अथवा सड़क मार्ग के आसपास एवं चौराहों पर झंडियाँ लगाना या अन्य किसी प्रकार से सम्पत्ति को विकृत या विरूपित करने की कार्यवाही या चेष्टा नहीं करेगा।
राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी निजी स्वरूप की सम्पत्तियों पर स्वामी की अनुमति प्राप्त करने के पश्चात् ही प्रचार सामग्री प्रदर्शित की जा सकती है। सम्बन्धित रिटर्निंग अधिकारी को प्रचार-प्रसार व उसमें हुए व्यय के आवश्यक ब्यौरे निर्धारित समय पर प्रस्तुत करना होगा। विधि का उल्लंघन करते हुए किसी व्यक्ति के द्वारा उक्त कार्यवाही की जाती है तो प्रचार सामग्री जप्त कर त्रुटिकर्ता के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर अभियोजन की कार्यवाही की जायेगी तथा अवैध रूप से लगाई गई सामग्री तथा सामग्री को हटाने में हुआ समस्त व्यय सम्बन्धित अभ्यर्थियों के व्यय में शामिल किया जायेगा।
लोक सम्पत्ति सुरक्षा दलों का गठन
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान शासकीय, अर्द्धशासकीय, सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से प्रदर्शित की गई प्रचार सामग्री हटाने व सम्बन्धित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के लिये लोक सम्पत्ति सुरक्षा दलों का गठन कर दिया है। उज्जैन शहर के लिये आयुक्त नगर पालिक निगम उज्जैन, नागदा, खाचरौद, महिदपुर एवं बड़नगर शहरी क्षेत्र के लिये मुख्य नगर पालिका अधिकारी उन्हेल, तराना शहरी क्षेत्र के लिये मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत तथा विकास खण्ड उज्जैन, घट्टिया, बड़नगर, खाचरौद, तराना एवं महिदपुर के ग्रामीण क्षेत्र के लिये जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लोक सम्पत्ति सुरक्षा दल में शामिल किया गया है, जो निरन्तर सामग्री हटाने की कार्यवाही कर रहे हैं।
उक्त गठित दल प्रतिदिन अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर वीडियोग्राफी के माध्यम से वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे और सम्पत्तियों को विरूपित होने से रोकेंगे। दल द्वारा विरूपण समाप्त किये जाने की स्थिति में होने वाला व्यय सम्बन्धित राजनैतिक दल, संस्था या अभ्यर्थी या विरूपण करने वाले व्यक्तियों से वसूल किया जायेगा तथा वसूल की गई राशि एवं दैनिक प्रगति की जानकारी प्रतिदिन सम्बन्धित दल प्रमुख द्वारा जिला निर्वाचन कार्यालय को विहित प्रारूप में सूचित करेंगे, ताकि व्यय को सम्बन्धित अभ्यर्थी के व्यय लेखा में जोड़ा जा सकेगा।
सम्पत्ति विरूपण की कोई भी शिकायत अथवा जानकारी प्राप्त होने पर उक्त दल प्रभारी द्वारा त्रुटिकर्ता के विरूद्ध सम्बन्धित पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करेंगे तथा जाँच उपरान्त थाना प्रभारी द्वारा सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जायेगा। उक्त व्यवस्था पर निर्देशन तथा लोक सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम के सम्बन्ध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने की अन्तिम जवाबदारी सम्बन्धित क्षेत्र के एसडीएम राजस्व एवं नगर पुलिस अधीक्षक/एसडीओपी की संयुक्त रूप से होगी।