निर्वाचन पैम्फलेट और पोस्टर के मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम अनिवार्यत: लिखा जाये –जिला निर्वाचन अधिकारी
जिले के मुद्रकों का निर्वाचन सम्बन्धी प्रशिक्षण आयोजित
उज्जैन । मंगलवार को बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनीटरिंग कमेटी द्वारा जिले के मुद्रकों का निर्वाचन सम्बन्धी प्रशिक्षण आयोजित किया गया। बैठक में समिति के अध्यक्ष एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह, अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, सचिव श्री पंकज मित्तल और अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने समस्त मुद्रकों को निर्देश दिये कि निर्वाचन के दौरान प्रकाशित होने वाले पैम्फलेट और पोस्टर्स के मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक और इसके प्रकाशक का नाम और पता अनिवार्यत: लिखवाया जाये।
यदि ऐसा नहीं किया गया तो सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन पैम्फलेटों, पोस्टरों आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 127क के उपबंधों द्वारा विनियमित किया गया है। श्री सिंह ने निर्देश दिए कि कोई भी मुद्रक किसी निर्वाचन पैम्फलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण तब तक नहीं करेगा/करवाएगा, जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हों, के द्वारा सत्यापित न हो तथा जिसे उनके द्वारा डुप्लीकेट में मुद्रक को न दिया जाए।
श्री पंकज मित्तल ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से मुद्रकों को जानकारी दी कि दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की प्रतियों के साथ घोषणा की प्रति,यदि दस्तावेज राज्य की राजधानी में मुद्रित हुआ है तो उसके मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तथा अन्य मामले में जिले के जिला मजिस्ट्रेट को भिजवाई जाए। हाथ से लिखी गई प्रतियों के अलावा दस्तावेज की प्रतियों की संख्या बढ़ाने के लिए किसी प्रक्रिया को मुद्रण समझा जाएगा तथा ऐसा करने वाले को 'मुद्रक' समझा जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि 'निर्वाचन पैम्फलेट अथवा पोस्टर' से तात्पर्य है अभ्यर्थी अथवा अभ्यर्थी के समूह के निर्वाचन के प्रचार या पूर्वाग्रह के उद्देश्य से वितरित किए गए हैण्ड बिल अथवा दस्तावेज या कोई इश्तहार जो निर्वाचन के सन्दर्भ में हों। बताया गया कि कोई व्यक्ति जो किसी भी उपबंध का उल्लंघन करता है, वह 6 महीने तक कारावास अथवा जुर्माना, जिसे 2 हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। निर्वाचन पैम्फलेटों, पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण पर उक्त प्रतिबंध, इन दस्तावेजों के प्रकाशकों एवं मुद्रकों की पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से विधि द्वारा अधिरोपित किए गए हैं ताकि यदि धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा या विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अवैध, आपराधिक या आपत्तिजनक हों तो सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक दण्डात्मक या निरोधक कार्रवाई की जा सके।
ये प्रतिबंध राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थकों द्वारा निर्वाचन पैम्फलेटों, पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण एवं प्रकाशन पर हुए अनधिकृत निर्वाचन व्ययों पर रोक लगाने के उद्देश्य में भी सहायक होते हैं। मुद्रकों से कहा गया कि प्रिंटिंग प्रेसों से धारा 127क(2) के तहत मुद्रण सामग्री मुद्रित होने के 3 दिनों के अन्दर मुद्रित प्रतियां (प्रत्येक मुद्रित सामग्री की 3 अतिरिक्त प्रतियों सहित) प्रकाशक की घोषणा सहित भिजवाई जाए। धारा 127(क) के प्रावधानों तथा आयोग के अनुदेशों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो राज्य के संगत कानूनों के तहत कुछ मामलों में प्रिंटिंग प्रेस के लाइसेंस का प्रतिसंहरण भी हो सकती है।
किसी भी निर्वाचन पैम्फलेट या पोस्टर इत्यादि का काम शुरू करने से पहले मुद्रक आयोग द्वारा निर्धारित इसके साथ संलग्न अनुबंध 'क' में धारा 127क(2) के अनुसरण में प्रकाशक से घोषणा प्राप्त करेगा। जैसे ही जिला मजिस्ट्रेट प्रिंटिंग प्रेस से कोई निर्वाचन पैम्फलेट या पोस्टर इत्यादि प्राप्त करते हैं वे इस बात की जांच करेंगे कि क्या प्रकाशक या प्रिंटर ने कानून की अपेक्षाओं तथा आयोग के उपर्युक्त अनुदेशों का पालन किया है। वे इसकी एक प्रति अपने कार्यालय के किसी मुख्य स्थान पर प्रदर्शित करेंगे, ताकि सभी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी तथा अन्य इच्छुक व्यक्ति ये जांच कर लें कि क्या ऐसे दस्तावेजों के सम्बन्ध में कानून की अपेक्षाओं का विधिवत रूप से पालन हुआ है। आयोग एतद द्वारा सभी राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों तथा अन्य सम्बन्धितों को चेतावनी देते हैं कि उपर्युक्त विषय पर आयोग के निर्देशों तथा कानून के उल्लंघन को अत्यधिक गंभीरता से लिया जाएगा तथा उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।