बिना आवेदन के दिया जाता है शिक्षा भूषण सम्मान
चौथे शिक्षा भूषण सम्मान समारोह में शामिल हुए उज्जैन के शिक्षकगण
उज्जैन। शिक्षा भूषण सम्मान अखिल भारतीय स्तर पर दिया जाने वाला वह सम्मान है जो शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रदान किया जाता है। इसमें एक रजत पत्रिका, प्रशस्ति पत्र एवम 1,00,000 का चेक प्रदान किया जाता है। उक्त सम्मान बिना आवेदन के दिया जाता है।
उक्त जानकारी अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर जेपी सिंघल ने इंदौर की ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के सभागार में शैक्षिक फाउंडेशन द्वारा आयोजित चतुर्थ शिक्षा भूषण सम्मान कार्यक्रम में अपने स्वागत भाषण में दी। इस वर्ष का शिक्षा भूषण सम्मान बेंगलुरु के प्रोफेसर रामचंद्र भट्ट, राजस्थान के प्रोफ़ेसर नंदकिशोर पांडे, सोलापुर की डॉ. स्वर्णलता चंद्रशेखर भिशीकर को दिया गया। आयोजन में उज्जैन से बड़ी संख्या में शिक्षक गण शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वामी मित्रानंद चेन्नई, अध्यक्ष जेपी सिंघल जयपुर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में शिवानंद सिन्दनकेरा कर्नाटक राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के प्रांत अध्यक्ष लछीराम इंगले, महामंत्री क्षत्रवीरसिंह राठौर ,राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति शर्मा आदि मंचासीन रहे। राष्ट्र स्तरीय वक्ताओं ने वर्तमान वैज्ञानिक अनुसंधानों के तथ्यों को उद्धृत करते हुए बताया कि जिन बातों को आज पश्चिमी वैज्ञानिक अपनी खोज बता रहे हैं उन तथ्यों का उल्लेख आज से हजारों वर्ष पूर्व वेदों में किया जा चुका है। आज वेदों पर अनुसंधान होने चाहिए। शिक्षा श्रद्धा पूर्वक भी दी जा सकती है। शिक्षा का व्यापार नहीं होना चाहिए। आज गूगल पर सर्च करने की बजाय अनुभवों पर आधारित नवीन विचारों की आवश्यकता है। शिक्षा भूषण सम्मान में पूरे देश एवं मध्य प्रदेश के लगभग 700 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संचालन क्षत्रवीरसिंह राठौर एवं आभार प्रदर्शन लक्षीराम इंगले ने किया। इस कार्यक्रम में उज्जैन से बाबुलाल बैरागी, सुभाष चंद्र पाटीदार, नन्दलाल सतीजा, जगदीशसिंह केलवा, प्रवीण भाटी, ओमप्रकाश दुबे, वासुदेव शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, भागवतसिंह सिंह राठौर, रमेशचन्द्र कुमावत, गोवर्धनलाल सगीत्रा, बलवीरसिह ठाकुर, प्रेमनारायण राठौर, पूनम शर्मा, उर्मिला योगी अरूणेश्वरी गोतम, राजेन्द्र देवलेकर, ब्रजेश श्रीवास्तव, किशोरचन्द्र शर्मा, रामसिह राठौर, मोहन दास बैरागी, कमल सिंह पंवार अ. शर्मा आदि शिक्षक गण सम्मिलित रहे।