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दशानन ने विशिष्ट बहरूपी सम्मान से सम्मानित किया स्वामी मुस्कुराके को


 

उज्जैन। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बहरूपिया उत्सव में उज्जैन के स्वामी मुस्कुराके को विशिष्ट बहरूपी (व्यक्ति एक रूप अनेक) सम्मान से नवाजा गया। उत्सव में कलाकारों का कलाकारों द्वारा सम्मान करवाया गया जिसके अंतर्गत तमिलनाडु के दशानन ने स्वामी मुस्कुराके का अभिनंदन किया। 
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के द्वारा मार्तण्ड संस्था, उदयपुर के सहयोग से इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र पर प्रथम बार आयोजित राष्ट्रीय बहरूपिया उत्सव में तीन दिवसीय आयोजन में पीढ़ियों से पारंपरिक बहरूपिया कला के कलाकारों को दिल्ली आमंत्रित किया गया। भारत के 67 कलाकारों ने बहरूपी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। कला रसिकों ने कला को सराहा और भरपूर आंनद लिया। मध्यप्रदेश उज्जैन से स्वामी मुस्कुराके को बहरूपी कला एवम संस्कृति के संवर्धन हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। राजसी वेशभूषाओ में स्वामी मुस्कुराके, खिलखिलाके एवं दिलमिलाके संपूर्ण आयोजन में विशिष्टता के साथ कला प्रेमियों में छाये रहे। कला दीर्घा के मंच पर तीनों दिवस स्वामी मुस्कुराके ने उज्जैन की पारंपरिक संस्कृति के साथ कला रसिको की तालियाँ बटोरी। सूर्य देव, कार्तिकेय, शेषनाग, बाजीराव, स्वामी नारायण, मंगल पांडे, सयाजी महाराजा के आकर्षक श्रृंगार की बिना कॉस्मेटिक मेकअप की चर्चा देश विदेश के उत्सव धर्मियो में रही। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का मस्तक एवं पगड़ी पर उपयोग आकर्षण का केंद्र रहा। संयोजक विलास जहान्वे ने बहरूपिया उत्सव में नया प्रयोग करते हुए कलाकारों का कलाकारों से सम्मान करवाया। तमिलनाडु के दशानन ने उज्जैन के स्वामी मुस्कुराके (शैलेन्द्र व्यास), स्वामी खिलखिलाके (मनोहर  गुप्ता), स्वामी दिलमिलाके (दिनेश रावल), पेंटर महेश बेंडवाल को विशिष्ट बहरूपी सम्मान से नवाजा। आभार सुनील मिश्र ने माना। 

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