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पितरों की विदाई के साथ लिया एक बुराई छोड़ने का संकल्प



सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर गायत्री शक्तिपीठ पर 200 से अधिक श्रध्दालुओं ने किया तर्पण
उज्जैन। गायत्री शक्तिपीठ पर सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर तीन पारियों में 200 से अधिक श्राद्धालुओं ने तर्पण पिंडदान किया। पितरों को विदाई में श्रृद्धालुओं ने एक बुराई छोड़ने का संकल्प लिया। उनसे जाते समय उनसे ऐसा अनुगृह करने की प्रार्थना की कि ‘हम दान शील और वेद को मानने वाले बनें, हम किसी से मांगने न जाए, हमारी संतति की बृद्धि हो हमारे समस्त अमंगल दूर कर मंगल करो। पंचांग भेद के कारण 9 अक्टूबर को भी अमावस्या मानी गई है अतः इस दिन भी गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर तर्पण पिंडदान कराया जएगा।
प्रचार प्रसार सेवक देवेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार गायत्री परिवार और सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 2 अक्टूबर से चल रहे नशा निवारण सप्ताह का समापन गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर सांयकाल व्यसन उन्मूसन दीपयज्ञ के साथ हुआ। सप्ताह के दौरान विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में व्यसन संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी बांटे गए। विभिन्न वर्गों में प्रथम रूपाली सिंह, विनीता कुशवाह, चिराग जैन, शरद गर्ग, श्वेता चौहान द्वितीय रानी सुनहरे, सुफिया खान, साक्षी राठौर, पायल तोमर, खुशी परिहार, जिया वर्मा, नाजिया खान, नीलेश पांचाल, पवन धारपुरे, अमित सिंह और सौरभ चेपा तृतीय रोहित साखरे रहे।
 

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