सम्पत्ति विरूपित करने पर होगी एफआईआर दर्ज, कलेक्टर श्री सिंह ने जारी किए निर्देश
उज्जैन । चुनाव आयोग के निर्देश अनुसार सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति (बिना स्वामी की अनुमति के) विरूपित करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने इस सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं कि सम्पत्ति विरूपित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने इस कार्य के लिए तैनात किए गए अमले को भी निर्देश दिए हैं कि यदि वे वांछित कार्रवाई नहीं करते हैं तो उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर ने सम्पत्ति विरूपण रोकने की प्रभावी कार्रवाई के लिए प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों के विशेष दल बनाए हैं जो सभी विधानसभा क्षेत्रों में घूम-घूमकर सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों पर अनधिकृत रूप से लगाए गए पोस्टर, बैनर्स हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं। साथ ही ऐसा करने वालों के विरूद्ध प्रकरण भी बना रहे हैं। इसके अन्तर्गत दीवारों पर भी किसी भी प्रकार का अनधिकृत लेखन रोका जा रहा है तथा सम्बन्धितों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सभी से कहा है कि वे किसी भी सार्वजनिक अथवा किसी दूसरे व्यक्ति की सम्पत्ति पर किसी भी प्रकार का पोस्टर, बैनर न लगाएं और न ही कोई लेखन आदि करें, अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराए जाकर कार्रवाई की जाएगी।
अभी तक 10 एफआईआर दर्ज
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि सम्पत्ति विरूपण के प्रकरणों में अभी तक जिले के विभिन्न स्थानों पर 10 प्रकरणों में सम्बन्धितों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सम्बन्धित अमले को निर्देशित किया है कि आगामी 2 दिन के अन्दर प्रभावी कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों से अनधिकृत पोस्टर, बैनर, पेम्पलेट, दीवार लेखन आदि हटवा दें।
क्या है सम्पत्ति विरूपण ?
मप्र सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को उसके स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना विरूपित करता है, तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। विरूपण से तात्पर्य उसकी सम्पत्ति पर स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य प्रकार से लिखकर अथवा चिन्हित कर विरूपित किए जाना है। सम्पत्ति पर किसी भी प्रकार का पोस्टर, बैनर, पेम्पलेट, हैंडबिल, झंडा, झंडी, स्टिकर आदि लगाए जाना भी प्रतिबंधित है। सम्पत्ति के अन्तर्गत शासकीय, अशासकीय भवन, बिजली, टेलीफोन के खंबे आदि होंगे।