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35 प्रकरण लंबित, महीनों से नहीं हुई एमआईसी की बैठक


 

उज्जैन। नगर निगम में अराजकता की स्थिति है जिसके कारण न तो नगर निगम का सम्मेलन हो पा रहा है और न ही मेयर इन काउंसिल की बैठक हो रही है जिसके कारण शहर विकास के हित में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ ने निगमायुक्त को को पत्र लिखकर मेयर इन काउंसिल की बैठक बुलाने की मांग की जिससे निगम के हित के अटके हुए कई प्रकरणों के निराकरण हो सकें। 

नेता प्रतिपक्ष ने निगमायुक्त के नाम पत्र लिखकर कहा कि मेयर इन काउंसिल की बैठक हुए कई माह बीत गए हैं जिसके कारण नगर विकास हित से संबंध महत्वपूर्ण 35 प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं। जिसमें कई प्रकरण तो ऐसे महत्वपूर्ण हैं जो शहर से संबंधित भी है। निगमायुक्त से मांग की कि ऐसे प्रकरण जो परिषद से संबंधित हैं उन्हें एक्ट में दिये गये प्रावधानों के अनुरूप परिषद को भेजने का कष्ट करें जिससे निर्णय लिये जा सकें। 

10 दिन के भीतर करना होता है प्रकरणों का निराकरण

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ ने बताया कि म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम एवं नियम के अंतर्गत मेयर इन काउंसिल नियम 1998 की धारा 13 में स्पष्ट उल्लेख है कि यथास्थिति मेयर इन काउंसिल या प्रेसीडेंट इन काउंसिल या महापौर या अध्यक्ष या प्रभारी सदस्य द्वारा प्रत्येक प्रकरण का निराकरण प्रकरण के प्राप्त होने की तिथि से दस दिन के भीतर किया जाएगा। यदि किसी प्रकरण का इस अवधि में निराकरण नहीं किया जाता है। यदि प्रकरण महापौर या अध्यक्ष या प्रभारी सदस्य के क्षेत्राधिकार का है तो मुख्य कार्यपालिक अधिकारी वह प्रकरण वापस लेकर सीधे अपने प्रस्ताव के साथ मेयर इन काउंसिल या प्रेसीडेंट इन काउंसिल को और यदि यथास्थिति निगम या परिषद के क्षेत्राधिकार में आता है तब ऐसा प्रकरण अपने प्रस्ताव सहित निगम या निगम परिषद की बैठक में प्रस्तुत करेगा। 

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