हाथ की कटी नसें जोड़ी, पेट से निकाला 4 किलों के ट्यूमर की गांठ
डॉ. उमेश जेठवानी ने उज्जैन में किया गंभीर मरीजों का सफल इलाज
उज्जैन। फ्रीगंज स्थित श्री गुरूनानक अस्पताल में डॉ. उमेश जेठवानी ने दो ऐसे गंभीर मरीजों का उपचार ऑपरेशन कर किया जिनका उपचार अब से पहले उज्जैन में संभव नहीं था। हाथ की सभी कटी नसों को डॉ. जेठवानी ने जोड़कर मरीज का जीवन और हाथ दोनों बचाए वहीं एक महिला के पेट से 4 किलों की ट्यूमर की गांठ निकालकर उसे नवजीवन दिया।
मंजू कुमावत उम्र 48 वर्ष निवासी फतेहाबाद काफी लंबे समय से पेट दर्द और पेट में सूजन की समस्या से परेशान थी। जांच में चला चला कि मरीज के पेट में 4 किलों की गांठ है। जिसके बाद परिजन मरीज को श्री गुरूनानक अस्पताल में लेकर आए जहां पर डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज का ऑपरेशन कर पेट से चार किलों की ट्यूमर की गांठ को निकाला। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रही है। ऑपरेशन में एनेस्थेसिया डॉ. अविनाश बुंदीवाल ने दिया।
वहीं भंवरसिंह उम्र 40 वर्ष निवासी तराना तहसील के हाथ में धारदार वस्तु से चोट लगने के बाद उसे श्री गुरूनानक अस्पताल लाया गया। दुर्घटना में हाथ की सभी मुख्य नसें कट गई थी जिसके कारण हाथ से बहुत अधिक खून बह रहा था। डॉ. उमेश जेठवानी ने तुरंत मरीज का न्यूरोवास्क्यूलर रिकंस्ट्रक्शन पध्दति से ऑपरेशन कर हाथ की नसों को जोड़ा। ऑपरेशन के बाद अब मरीज का हाथ पहले के समान काम कर रहा है। ऑपरेशन में एनेस्थेसिया डॉ. अविनाश बुंदीवाल ने दिया। डॉ. उमेश जेठवानी के अनुसार इस प्रकार की चोट में 6 घंटे के भीतर ही ऑपरेशन करना संभव होता है यदि कटे हुए अंग को बर्फ की सिल्ला पर रखकर लाया जाए तो 12 घंटे के बाद भी ऑपरेशन किया जा सकता है। पहले इस प्रकार के ऑपरेशन इंदौर, मुंबई, दिल्ली जैसे देश के बड़े शहरों एवं उनके कारपोरेट अस्पतालों में बहुत अधिक खर्च में होते थे। लेकिन अब शहर के श्री गुरूनानक अस्पताल में इस प्रकार के ऑपरेशन की सुविधा बहुत कम खर्च में उपलब्ध है।