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प्राकृतिक जल संरचनाओं की विवरण पुस्तिका तैयार करने के निर्देश


 

    उज्जैन । शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिये शिप्रा एवं खान नदी के जलग्रहण क्षेत्र में तथा आसपास के क्षेत्र में स्थित जल संरचनाओं का संरक्षण एवं संवर्द्धन आवश्यक है। इस हेतु संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने कलेक्टर उज्जैन, देवास, रतलाम को निर्देश दिये हैं कि अपने-अपने जिले के अन्तर्गत स्थित संरचनाओं का एक एटलस (जल संरचनाओं की विवरण पुस्तिका) तैयार की जाये। पुस्तिका में मुख्य रूप से नदी, तालाब, कुंड, बावड़ी, पुराने कुए, पुरानी फेक्ट्रीयों एवं मीलों में उपलब्ध विभिन्न जल संरचनाओं को शामिल किया जाये।

    संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने उक्त्‍ तीनों जिलों के जिला कलेक्टरों को पत्र भेजकर निर्देश दिये हैं कि एटलस में जल संरचनाओं की लोकेशन, लम्बाई, चौड़ाई, गहराई, क्षेत्रफल, सर्वे क्रमांक, निजी है या शासकीय, अतिक्रमण है क्या, हां तो कब तक हटाया जायेगा, पानी प्रदूषित है या स्वच्छ है की विस्तृत जानकारी यथासंभव जल संरचना का एक-एक चित्र भी उपलब्ध कराया जाये। जल संरचना कितनी पुरानी है, कोई धार्मिक या पुरातात्विक महत्व की है क्या, जल संरचना की रिपेयरिंग या पुनर्निर्माण की आवश्यकता है क्या, यदि आवश्यकता है तो क्या कार्यवाही की जा रही है, उपरोक्तानुसार एटलस साफ्ट एवं हार्ड कापी में तैयार करवाकर और जल संरचनाओं के रख-रखाव के लिये की गई कार्यवाही एवं भविष्य में की जाने वाली कार्यवाही से आयुक्त कार्यालय को 31 जुलाई तक अवगत कराया जाना सुनिश्चित करें।

 

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