top header advertisement
Home - उज्जैन << उज्जैन आया था भाटिया परिवार, परिवार के पतन का मिला था श्राप

उज्जैन आया था भाटिया परिवार, परिवार के पतन का मिला था श्राप


ujajin : पूरे देश को हिला देने वाले बुराड़ी कांड की गुत्थी सुलझाने में दिल्ली पुलिस काफी कोशिश कर रही है, लेकिन शायद आपको जानकारी हैरानी होगी कि डेढ़ साल पहले भाटिया परिवार धार्मिक नगरी उज्जैन आए थे। पूरे परिवार ने उज्जैन के भृतरी गुफा और गढ़कालिका क्षैत्र में तांत्रिक क्रियाएं की थी। लेकिन जब तांत्रिक ने लाखों रूपए की डिमांड़ की और भाटिया परिवार रूपए नहीं दे पाया तो तांत्रिक ने उनके परिवार के पतन का श्राद्ध दे दिया था। इस पूरे घटनाक्रम का एक प्रत्यक्षदर्शी भी सामने आया है।

दिल्ली के बुराड़ी कांड को लेकर कई तरह के अंधविश्वास और तांत्रिक क्रियाओं की बात सामने आ रही है। यह बात सही भी है कि भाटिया परिवार तंत्र साधना में विश्वास करता था। परिवार में परेशानी के चलते और परिवार के एक सदस्य की मौत हो जाने के बाद डेढ़ साल पहले भाटिया परिवार उज्जैन भी आया था।

       भाटिया परिवार ने उज्जैन में गोपीनाथ नामक एक तांत्रिक को तंत्र क्रिया करने के लिए बुलाया था। तंत्र क्रिया करने के लिए भृतहरि गुफा और गढ़कालिका क्षैत्र चुना गया था। तभी वहां मंदिर में दर्शन करने के लिए उज्जैन के श्रीकांत कुमार दर्शन करने के लिए पहुंचे थे।

       श्रीकांत कुमार की मुलाकात वहां भाटिया परिवार से हुई। श्रीकांत कुमार ने बताया कि डेढ साल पहले भाटिया परिवार किसी किसी गोपीनाथ तांत्रिक के चर्चा कर रहे थे। वे तांत्रिक के साथ भृतहरि गुफा क्षैत्र और गढ़कालिका क्षैत्र में तांत्रिक क्रिया कर रहे थे। तंत्र क्रिया पूरी हो जाने के बाद तब तांत्रिक के उनसे रूपए मांग की। जिस पर भाटिया परिवार ने असमर्थता जताई। तांत्रिक ने नाराज होकर उन्हें उनके पतन का श्राप दे दिया था। ठीक डेढ साल बाद पूरे परिवार की एक साथ घर से लाशें मिली।

       श्रीकांत ने कहा कि भाटिया परिवार में किसी व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद भाटिया परिवार उज्जैन में तंत्र क्रिया करने के लिए उज्जैन आए थे और अघोर तंत्र के जरिए वे उनके परिवार के सदस्य को पून : जीवत करने के लिए क्रियाएं कर रह थे।

       गौरतलब है कि श्री भर्तृहरि गुफा बड़ा शांत और रम्य स्थल है। यहां भर्तृहरि की समाधि है। परम तप: पूत महाराज भर्तृहरि सम्राट विक्रम के ज्येष्ठ भ्राता थे। ये संस्कृत-साहित्य के प्रकांड पंडित थे। भृतहरि गुफा क्षैत्र तंत्र साधना के लिए जाना जाता है। साथ ही योग याधना भी यहां होती है। देश-विदेश से यहां तांत्रिक साधना करने के लिए आते है।

Leave a reply