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पर्यावरण और जल संरक्षण आज के समय की मांग, आईये पेड़ लगाये, पर्यावरण बचायें


 

13 जुलाई को शहर में वृहद वृक्षारोपण किया जायेगा

मप्र जनअभियान परिषद की पर्यावरण पर बैठक आयोजित

    उज्जैन । बुधवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में पर्यावरण संरक्षण पर मप्र जनअभियान परिषद की बैठक आयोजित की गई। इसमें परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डेय, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन एवं जनअभियान परिषद के सदस्य श्री ईश्वरसिंह पटेल, श्री योगेन्द्र कौशिक, श्री राजीव पाहवा, श्री विशाल राजौरिया, श्री अशोक देवड़ा और समस्त 54 वार्डों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

    बैठक में जानकारी दी गई कि आगामी 13 जुलाई को हरियाली अमावस्या के अवसर पर उज्जैन में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जायेगा। बैठक में इसकी कार्य योजना बनाये जाने पर अतिथियों और सदस्यों द्वारा चर्चा की गई। बताया गया कि 13 जुलाई को वृक्षारोपण के तहत पूरे शहर में 10 हजार पौधे लगाये जायेंगे। ई-रिक्शा के माध्यम से समस्त वार्डों में पौधे पहुंचाये जायेंगे। इसमें स्वैच्छिक समिति के सदस्यों को भी जोड़ा जायेगा। बैठक में संभागीय समन्वयक जनअभियान परिषद श्री शिवप्रसाद मालवीय ने जनअभियान परिषद द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका पर प्रकाश डाला।

    जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डेय ने कहा कि पर्यावरण और जल संरक्षण आज के समय की मांग है। परोपकार की भावना को जागृत कर हमें प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये एकजुट होना होगा। मध्य प्रदेश शासन द्वारा पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये हाल ही में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस हेतु मुख्यमंत्री द्वारा कई योजनाएं भी बनाई गई हैं। प्रदेश में जल संरक्षण हेतु 313 छोटी-बड़ी नदियों का गहरीकरण समाज के योगदान से किया गया। समाज के हर वर्ग की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक जल है, इसीलिये इसका संरक्षण हर हाल में किया जाना चाहिये।

    श्री पाण्डेय ने कहा कि जल की तरह ही वृक्ष भी हमारे पर्यावरण में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हमारी संस्कृति में वृक्षों को देवता माना गया है। अनादिकाल से जल और वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। आगामी 13 जुलाई को उज्जैन में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा और 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया जायेगा। श्री पाण्डेय ने वार्डों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनायें और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें। इसके अलावा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रत्येक हितग्राही को अवगत करायें और योजना का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें।

    पौधारोपण के बाद उनका संरक्षण किया जाना भी उतना ही जरूरी है। पौधों की देखभाल भी उसी तरीके से करना आवश्यक है। आने वाले समय में शिप्रा नदी के किनारे भी पौधारोपण का काम किया जायेगा। समाज और पर्यावरण के संरक्षण और विकास के लिये सरकार के साथ समाज को भी कदम उठाने होंगे।

    मंत्री श्री पारस जैन ने इस अवसर पर कहा कि बीते कुछ सालों में बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण पर्यावरण को बहुत क्षति पहुंची है। इसके लिये वृहद स्तर पर आयोजित किया जाने वाला वृक्षारोपण बड़े ही हर्ष का विषय है। आगामी 13 जुलाई को पर्यावरण संरक्षण यात्रा भी निकाली जायेगी, जो आमजन में पर्यावरण के संरक्षण का सन्देश प्रचारित करेगी। मंत्री श्री जैन ने शासन की जनकल्याणकारी संबल योजना के बारे में भी बैठक में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी स्तर पर शासन की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मप्र जनअभियान परिषद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह वटवृक्ष के रूप में पूरे प्रदेश में काम कर रहा है।

    मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अन्तर्गत गरीब तबके के लोगों को लाभान्वित किया जायेगा, जिसमें प्रदेश के 88 लाख लोग शामिल होंगे। इस योजना का जनअभियान परिषद द्वारा जन-जन में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि कोई भी पात्र हितग्राही योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे। ऊर्जा विभाग द्वारा भी सरल बिल योजना और फ्लेट रेट योजना शुरू की गई है। इसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के बिजली के बिल माफ किये जा रहे हैं। मंत्री श्री जैन ने जानकारी दी कि हाल ही में विभाग द्वारा एक व्यक्ति के एक लाख 87 हजार रूपये बिजली के बिल को माफ किया गया है।

    मंत्री श्री जैन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्र में भी जनअभियान परिषद की योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय सहभागिता रहेगी। जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मंत्री श्री जैन ने कहा कि समाज के सहयोग से प्रदेश में नदियों का गहरीकरण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किया गया। नदियों के गहरीकरण के कारण ही प्रदेश में सिंचाई का क्षेत्र बढ़ सका है। जल संरक्षण की दिशा में और भी प्रयास करने चाहिये।

 

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