शांतिनाथ मंदिर बोर्डिंग में शुरू हुआ भव्य वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव
उज्जैन। आचार्य श्री सुंदरसागर महाराज के सानिध्य में वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव मंगलवार से प्रारंभ हुआ। जिसके तहत प्रातः मंगल बेला प्रारंभ होते ही सौभाग्यवती स्त्रियां हाथों में कलश लेकर जल भरने के लिए मंगल गीत गाते हुए चलीं। उनके साथ भक्तों ने श्री जिनेन्द्र प्रभु को पालकी पर विराजमान करके जयघोष करते हुए गमन किया।
गुरूदेव आचार्य सुंदरसागर महाराज ससंघ घटयात्रा में सम्मिलित हुए। जल भरकर शोभायात्रा पुनः दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग परिसर में पहुंची। वहां सौभाग्यवती स्त्रियों ने मंडप के चारों ओर परिक्रमा लगाकर कलशों के जल से मंडप शुध्दि की। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग के अध्यक्ष इंदरचंद जैन एवं दिगंबर जैन समाज के सचिव सचिन कासलीवाल के अनुसार जिनेन्द्र भगवान की शांतिधारा करने का सौभाग्य सुनीलकुमार जैन ट्रांसपोर्ट ने प्राप्त किया। संध्याकालीन महाआरती का लाभ महेशकुमार जैन दशहरा मैदान वालों ने लिया। पारसचंद मानकुंवर पाटोदी ने ध्वजारोहण करके वेदी प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आचार्य सुंदरसागर महाराज ने अपनी मंगल देशना में कहा कि जिनेन्द्र भगवान की आराधना करने का अवसर बहुत सौभाग्यशाली व्यक्तियों को प्राप्त होता है। जो जीव पूजा और दान के माध्यम से अपनी भावनाओं को अपनी वस्तु को प्रभु चरणों में अर्पित करते हैं उनकी सामर्थ्य कम हो तो शुभ भावनाओं के बल से जितना दान देते हैं संपत्ति उतनी ही बढ़ती जाती है। इसलिए शुभ कार्यों में दान देने से धन घटता नहीं है अपितु धन और पुण्य बढ़ता ही जाता है। भव्य प्राणियों को सदैव ऐसे अवसरों का लाभ उठाना चाहिये। इसके पश्चात कार्यक्रम संचालक एवं प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी आशीष भैया के निर्देशन में वेदी की शुध्दि की गई। मध्यान्ह बेला में यागमंडल विधान द्वारा मुनिराजों की आराधना एवं विभिन्न देवी देवताओं का आव्हान किया गया। संध्याकालीन सत्र में महाआरती के पश्चात गुरूभक्ति एवं प्रश्नमंच का सार्थक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 78 सौभाग्यवती महिलाएं एवं अष्ट कुमारियां थीं जो चल समारोह में आगे चल रही थीं। चल समारोह कल्याणमल मंदिर पर कलश भरकर वापस बोर्डिंग मंदिर में समाप्त हुई।